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Gujarat News : गुजरात के स्कूल में बच्चों के हाथों पर मिले ब्लेड के जख्म, मचा हड़कंप

इस घटना के बाद अभिभावक और ग्रामीण स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने इस गंभीर घटना को छिपाने की कोशिश की।

by Rakesh Pandey
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अमरेली : गुजरात के अमरेली जिले के मुंजियासर प्राथमिक स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने स्कूल प्रशासन और अभिभावकों को सकते में डाल दिया। स्कूल के 25 से ज्यादा बच्चों के हाथों पर ब्लेड से लगे जख्म के निशान पाए गए, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया। शुरू में यह मामला ऑनलाइन वीडियो गेम से जुड़ा हुआ समझा गया था, लेकिन पुलिस की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ।

क्या था मामला?

यह घटना स्कूल के पांचवीं, छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों के साथ हुई। बच्चों के हाथों पर मिले ब्लेड के निशान ने स्कूल प्रशासन को हिला दिया। अभिभावकों ने जब बच्चों से यह सवाल पूछा, तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने गांव पंचायत में शिकायत दर्ज करवाई और पुलिस की मदद ली। इसके बाद इस मामले को गंभीरता से लिया गया, और धारी के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) जयवीर गढ़वी ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।

पुलिस की जांच में खुलासा:

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और बच्चों से बातचीत की, जिससे यह सामने आया कि बच्चों के हाथों पर लगे ब्लेड के निशान किसी ऑनलाइन वीडियो गेम की लत की वजह से नहीं, बल्कि ‘Truth and Dare’ खेल के दौरान आए थे। ASP जयवीर गढ़वी के अनुसार, सातवीं कक्षा के एक छात्र ने ‘Truth and Dare’ खेल के दौरान अन्य बच्चों को यह चुनौती दी कि जो अपने हाथ पर ब्लेड से कट लगाएगा, उसे 10 रुपए मिलेंगे, और जो ऐसा नहीं करेगा, उसे 5 रुपए दिए जाएंगे।

इस चुनौती का परिणाम यह हुआ कि 25 से ज्यादा बच्चों ने पेंसिल शार्पनर की ब्लेड से अपने हाथों पर चोटें लगाई। इस घटना की जानकारी जैसे ही जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (DPEO) को मिली, उन्होंने तुरंत इसकी जांच शुरू की और स्कूल प्रशासन से मामले की रिपोर्ट मांगी।

स्कूल प्रशासन की लापरवाही:

जब स्कूल प्रशासन को घटना का पता चला, तो बच्चों को घर पर किसी को भी इस बारे में बताने से मना किया गया। बच्चों को यह कहने के लिए कहा गया कि यदि किसी ने हाथों पर चोट के बारे में पूछा तो उन्हें बताना होगा कि वे खेलते समय गिर गए थे। हालांकि, एक अभिभावक को सच का पता चला और उन्होंने स्कूल में पूछताछ की, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों के साथ बैठक की।

यह मामला धीरे-धीरे गांव के सरपंच और अन्य स्थानीय लोगों तक पहुंचा, जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह मामला बच्चों के बीच खतरनाक ‘Truth and Dare’ खेल से जुड़ा है, न कि किसी ऑनलाइन गेम की लत से।

अभिभावकों और ग्रामीणों का गुस्सा:

इस घटना के बाद, अभिभावक और ग्रामीण स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने इस गंभीर घटना को छिपाने की कोशिश की और बच्चों की सुरक्षा के मामले में लापरवाही बरती।

पुलिस और शिक्षा विभाग की जांच:

पुलिस और शिक्षा विभाग अब इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पुलिस ने यह भी बताया कि इस घटना ने बच्चों के बीच खतरनाक खेलों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है।

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