सेंट्रल डेस्क। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद विवाद में संभल को अब ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में तब्दील कर दिया है, जहां किसी भी बाहरी का प्रवेश सख्त वर्जित कर दिया गया है। कोई भी सोशल एक्टिविस्ट या जनप्रतिनिधि संभल नहीं जा सकता है। क्षेत्र में धारा 163 लागू है, जिसके तहत 5 से अधिक लोगों के एक जगह पर एकत्रित होने पर रोक है।
बिना सक्षम अधिकारी को सूचित किए न करें प्रवेश
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पांडिया ने इसकी घोषणा की है और यह प्रतिबंध क्षेत्र में 10 दिसंबर तक लागू रहेगा। डीएम का आदेश है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना किसी सक्षम अधिकारी को सूचित किए, संभल में प्रवेश नहीं कर सकता है। इससे पहले संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर 1 दिसंबर तक रोक लगाई गई थी, लेकिन हालात को देखते हुए इस प्रतिबंध को 10 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया है।
नेताओं को उनके घर पर ही रोका जा रहा
उधर समाजवादी पार्टी के 5 सांसद, 4 विधायक सहित 15 सदस्यीय दल आज संभल जाने की तैयारी में है, जिस पर योगी सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है और सपा प्रतिनिधिमंडल के नेताओं को उनके घर पर ही रोका जा रहा है। विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे के घर के बाहर भी पुलिस की तैनाती की गई है। 2 दिसंबर को कांग्रेस भी संभल जाने की तैयारी में है।
संभल में फिलहाल थ्री लेयर सिक्योरिटी
बीती शाम संभल में रैपिड एक्शन फोर्स ने मार्च किया। लॉ एंड ऑर्डर इस बात को जनता तक पहुंचाने में जुटी है कि किसी भी प्रकार की एंटी सोशल एक्टिविटी के होने पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। संभल में थ्री लेयर सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है, जहां संभल को जोन और लेन के अनुसार विभाजित किया गया है।
पुलिस ने दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया है कि किसी भी बाहरी डेलीगेशन को संभल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस पर विपक्षी नेताओं की दलील है कि पांच मृतकों के परिजनों से अब तक कोई भी राजनीतिक दल नहीं मिल पाया है।