RANCHI : संवेदनशीलता और मानव सेवा की मिसाल पेश करते हुए मुक्ति संस्था ने रविवार को 47 अज्ञात शवों का पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। रांची के जुमार नदी तट पर लावारिस शवों का किया गया। मुक्ति संस्था के सदस्य रिम्स मार्चुअरी से शवों को लेकर पहुंचे थे। संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने शवों को मुखाग्नि दी। बता दें कि मुक्ति संस्था ने अबतक 2034 शवों का दाह-संस्कार किया है। जो अपने आप में एक रिकार्ड है। वहीं संस्था के सदस्यों का कहना है कि जिनका कोई नहीं उनके लिए वे विधि विधान से अंतिम संस्कार करते है ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके।
सम्मानजनक हो अंतिम विदाई
अज्ञात, बेसहारा और अंतिम संस्कार से वंचित शवों को सम्मानजनक विदाई देने के उद्देश्य से यह शुरुआत की गई है। अंतिम अरदास परमजीत सिंह टिंकू द्वारा की गई, जिसमें उन्होंने प्रार्थना की ताकि इन सभी आत्माओं को शांति मिले। संस्था के सदस्यों ने शवों को नियमों के साथ अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया और एक-एक कर शवों को चिता पर सजाया गया। इसके बाद सामूहिक दाह-संस्कार किया गया।
ऐसे काम करती है संस्था
प्रवीण लोहिया ने बताया कि मुक्ति संस्था पिछले कई वर्षों से अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार का यह पुनीत कार्य कर रही है। अब तक संस्था द्वारा कुल 2034 अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि संस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन चाहे जैसे भी समाप्त हो, उसकी अंत्येष्टि सम्मानपूर्वक हो। इस कार्य में संस्था के अन्य सदस्य भी सक्रिय रूप से शामिल रहते है। इस कार्य में नगर निगम का भी सहयोग रहता है।
सदस्यों में रवि अग्रवाल, उज्जवल जैन, आरके गांधी, हरीश नागपाल, संदीप कुमार, संजय सिंह, सुनील अग्रवाल, राहुल जायसवाल और विजय धानुका प्रमुख रूप से उपस्थित थे। यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक या सामाजिक कर्मकांड नहीं, बल्कि मानवता की गहरी मिसाल है। ऐसे समय में जब समाज में अक्सर अज्ञात और बेसहारा लोगों को भुला दिया जाता है, मुक्ति संस्था उनका सम्मानजनक अंतिम संस्कार कर उन्हें वह सम्मान दे रही हैं जिसके वे हकदार हैं।
READ ALSO: RANCHI NEWS: बाल कांवर यात्रा में गूंजा हर-हर महादेव, शिवभक्ति में डूबे नन्हे भक्त