

पॉलिटिकल डेस्क, पटना : जदयू की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर जयंती (Karpoori Thakur Jayanti) की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। कार्यकर्ता से लेकर मंत्री तक समारोह को सफल बनाने में लगे हुए हैं। बिहार परिवहन मंत्री शीला मंडल ने भी पटना के पुनपुन के डुमरीवासियों को जयंती समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। इस दौरान उन्होंने सभी से शक्ति प्रदर्शन करने की अपील करते हुए कहा कि बिना शक्ति के भक्ति नहीं होती है।

शीला मंडल ने 24 जनवरी के लिए लोगों को न्योता देते हुए कहा कि पिछड़े, अति पिछड़े एवं वंचितों की आवाज बनने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचार को आत्मसात करने की जरूरत है। सभी को एकजुट होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना है।

जदयू और भाजपा के बीच बहस
कर्पूरी ठाकुर जयंती कार्यक्रम को लेकर जदयू और भाजपा आपस में भिड़ गई है। भाजपा का दावा है कि उनको कर्पूरी ठाकुर जयंती कार्यक्रम मनाने के लिए सरकार ग्राउंड उपलब्ध नहीं करा रही है। भाजपा की ओर से मिलर हाई स्कूल ग्राउंड का रिजर्वेशन कराया गया, लेकिन जदयू ने मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में टेंट लगा दिया है। इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर रविवार को जमकर बरसे। सम्राट चौधरी ने कहा अगर लोकतंत्र की इसी तरह हत्या होती रहेगी, तो हम लोग मजबूर होंगे। वीरचंद पटेल पथ पर पूरी कार्यक्रम को करेंगे। जदयू-राजद कार्यालय के सामने हम लोग कर्पूरी जयंती कार्यक्रम मनाने का काम करेंगे।

कौन थे कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur Jayanti)
बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को जयंती मनाई जाती है। इस जयंती के बहाने बिहार के लगभग सभी दल कर्पूरी ठाकुर की विरासत का दावा करते हैं। कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में गरीबों और दबे-कुचले वर्ग की आवाज बनकर उभरे थे। कर्पूरी ठाकुर बिहार में दो बार मुख्यमंत्री एक बार उप मुख्यमंत्री रहे। इसके साथ ही दशकों तक विपक्ष के नेता रहे। कर्पूरी ठाकुर 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव में जीते।
जननायक कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। 1967 में कर्पूरी ठाकुर ने उप मुख्यमंत्री बनने पर बिहार में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। इसके चलते उनकी आलोचना भी हुई। अपने दो कार्यकाल में कुल मिलाकर ढाई साल के मुख्यमंत्रीत्व काल में उन्होंने जिस तरह की छाप बिहार के समाज पर छोड़ी है, वैसा दूसरा उदाहरण नहीं दिखता|
36 प्रतिशत वोट साधने की तैयारी
दरअसल, कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने के पीछे राजनीतिक दलों का हिडेन एजेंडा अति पिछड़ा का 36 प्रतिशत वोट पर निशाना है। महागठबंधन को परेशानी है कि अतिपिछड़ा वोट का झुकाव पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ रहता है। भाजपा को लग रहा है कि नीतीश कुमार के अलग होने से अब तक प्राप्त अतिपिछड़ा वोट में कुछ प्रतिशत नीतीश कुमार काट लेंगे। दरअसल, अब तक जो देखा गया है कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार साथ रहते हैं तो ये एक और एक दो नहीं, बल्कि 11 होते हैं। पर इस बार नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दो ध्रुवों पर हैं। इसलिए भाजपा भी कर्पूरी जयंती पर अपनी ताकत का इजहार करना चाहती है।
जयंती मनाने का ढोंग कर रहे हैं लालू नीतीश: सम्राट चौधरी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के विरोधी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव जयंती मनाने का ढोंग कर रहे हैं। वर्ष 1977 में पार्टी के भीतर कर्पूरी ठाकुर जी के सबसे बड़े विरोधी नीतीश कुमार थे। लालू प्रसाद यादव ने तो हाईजैक ही कर लिया था और वे इनकी विचार धारा को कभी नहीं मानते थे। अब कार्यक्रम कर रहे हैं तो करिए, मगर इतना डरिए नहीं। गुंडागर्दी नहीं कीजिए। कर्पूरी ठाकुर हमारे भी स्मरणीय हैं।
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