सेंट्रल डेस्क: aide-de-camp : महिलाओं द्वारा महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभालने की कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है। यह नाम है मनीषा पाढ़ी का। भारतीय वायु सेना की यह महिला अधिकारी तब सुर्खियों में आ गई, जब उन्होंने महिलाओं के प्रति बांधी गई लैंगिक सीमा को तोड़ते हुए इतिहास अपने नाम कर लिया। वायु सेना की एक महिला अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी को हाल ही में महिला सहायक-डी-कैंप यानी एडीसी के रूप में नियुक्त किया गया है। एड-डी-कैंप या ADC राज्य के प्रमुख सहित उच्च पद के व्यक्ति का निजी सहायक या सचिव होता है।
2015 बैच की स्क्वाड्रन लीडर बनीं महिलाओं के लिए प्रेरणा
मनीषा पाढ़ी इंडियन एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर हैं। उन्हें इससे पहले तीन पोस्टिंग पर तैनात किया गया था। वह वायु सेना स्टेशन- बीदर, पुणे और भटिंडा में तैनात रह चुकी हैं। मनीषा पाढ़ी ओडिशा की रहने वाली हैं। 2015 बैच की भारतीय वायु सेना अधिकारी स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाढ़ी देश की महिलाओं की प्रेरणा हैं।
पिता रह चुके हैं नौसेना अधिकारी
मनीषा पाढ़ी की उम्र 27 साल है। का जन्म 24 जुलाई 1996 को ओडिशा के भुवनेश्वर में एक मिडल क्लास फैमिली में हुआ था। उनकी मां गृहिणी और पिता मनोरंजन पाढ़ी पूर्व-नौसेना अधिकारी हैं। मनीषा पाढ़ी को बचपन से ही पढ़ाई में गहरी रुचि थी। भारतीय सेना स्कूल से पढ़ाई करने के बाद वह भारतीय वायु सेना के सशस्त्र बलों में शामिल हो गईं। एड-डी-कैंप राज्य के प्रमुख सहित उच्च पद के व्यक्ति का निजी सहायक या सचिव होता है।
राज्यपाल ने की नियुक्ति
राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने मनीषा पाढ़ी को भारतीय सशस्त्र बलों से भारत की पहली महिला एड-डी-कैंप (एडीसी) के रूप में नियुक्त किया है। इधर, मिजोरम में सत्ताधारी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट चुनाव हार गई है। 40 सीटों वाली विधानसभा में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है। सीएम पद के लिए इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी ऑफिसर रहे लालदुहोमा तैयार हैं।
राज्यपाल ने कहा-यह ऐतिहासिक उपलब्धि
राज्यपाल ने महिलाओं के समर्थन पर जोर देते हुए आगे कहा, मनीषा की नियुक्ति न सिर्फ एक मील का पत्थर है, बल्कि महिलाओं के प्रति लैंगिक मानदंडो को तोड़ने और अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने का जश्न है तो आइए इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाएं और हर क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का समर्थन करना जारी रखें। स्क्वाड्रन लीडर मनीषा ने बुधवार को अपना पद ग्रहण किया और राज्यपाल को रिपोर्ट किया। बता दें यहां उन्हें राजभवन में राज्य के अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों से मिलवाया गया। सभी अधिकारियों ने पहली एडीसी का जोरदार स्वागत भी किया।
बहरामपुर में है घर, भुवनेश्वर में रहता है परिवार
मनीषा का घर ओडिशा के बहरामपुर शहर में है। उनका परिवार भुवनेश्वर में रहता है। मनीषा की इस उपलब्धि के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर है। गौरतलब हैं कि भारत में एड-डी-कैंप एक ऐसे सम्मान की उपाधि है, जिसे पोस्ट-नॉमिनल लेटर एडीसी से सम्मानित किया जाता हैं। बताते चलें कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख सहित सेवा प्रमुखों के पास आमतौर पर तीन सहायक डी-कैंप होते हैं और राष्ट्रपति के पास पांच सहायक डी-कैंप होते हैं।