हेलसिंकी : जेल में बंद ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) के बच्चों ने रविवार को नॉर्वे की राजधानी में आयोजित समारोह में उनकी ओर से इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार(Nobel Peace Prize) स्वीकार किया। मोहम्मदी अपने देश में महिलाओं के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए अभियान चलाने के साथ-साथ मृत्युदंड के खिलाफ मुखर रही हैं।
मोहम्मदी (Narges Mohammadi) के 17 वर्षीय जुड़वां बच्चे अली और कियाना रहमानी अपने पिता के साथ पेरिस में निर्वासन में रह रहे हैं। मोहम्मदी (51) को अक्टूबर में 2023 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार(Nobel Peace Prize) से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी। वह फिलहाल तेहरान की एक जेल में बंद हैं। ईरान में इससे पहले भी उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया था और कई साल जेल में रह चुकी हैं।
बच्चों ने पढ़ा मां का एक संदेश
ओस्लो में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कियाना रहमानी ने अपनी मां का एक संदेश पढ़ा, जिसमें उन्होंने असहमति, प्रदर्शनकारियों और मानवाधिकार रक्षकों की आवाज को दुनिया तक पहुंचाने में अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की।
मोहम्मदी (Narges Mohammadi) ने अपने संदेश में कहा कि ईरानी समाज को वैश्विक समर्थन की आवश्यकता है और आप, पत्रकार और मीडियाकर्मी इस्लामी गणतंत्र सरकार के विनाशकारी अत्याचार के खिलाफ कठिन संघर्ष में हमारे सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी हैं।
आपके प्रयासों के लिए, आपने हमारे लिए जो कुछ भी किया है, उसके लिए मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देती हूं। कियाना रहमानी ने कहा कि उन्हें अपनी मां से दोबारा मिलने की बहुत कम उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि शायद मैं उन्हें 30 या 40 साल में देख पाऊंगी, लेकिन मुझे लगता है कि मैं उन्हें दोबारा नहीं देख पाऊंगी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मेरी मां हमेशा मेरे दिल में रहेंगी, मूल्यों के लिए लड़ना जरूरी है।
11 साल से अपने पति से नहीं मिली मोहम्मदी (Narges Mohammadi)
मोहम्मदी (Narges Mohammadi) के भाई और पति ने ओस्लो में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने ईरान में बहाई धर्म के अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रविवार को भूख हड़ताल करने की योजना बनाई है।
रहमानी के पति ताघी ने पूर्व में कहा था कि वह 11 साल से अपनी पत्नी को नहीं देख पाए हैं और उनके बच्चों ने सात साल से अपनी मां को नहीं देखा है। मोहम्मदी ने पिछले साल हिजाब से संबंधित देश के सख्त कानून का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
प्रतिबंध के कारण कार्यक्रम में नहीं पहुंची नरगिस
अमेरिका की ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट न्यूज एजेंसी (एचआरएएनए) ने कहा है कि ईरानी अधिकारियों ने अमिनी के परिवार के सदस्यों को उनकी ओर से यूरोपीय संघ के शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार-विचार की स्वतंत्रता के लिए सखारोव पुरस्कार-स्वीकार करने को लेकर यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने वाली 19वीं महिला हैं और 2003 में मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन एबादी के पुरस्कार जीतने के बाद दूसरी ईरानी महिला हैं।
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पुरस्कारों का रोचक है इतिहास
पुरस्कारों के 122 साल के इतिहास में यह पांचवीं बार है कि शांति पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जो जेल में है या घर में नजरबंद है। बाकी नोबेल पुरस्कार रविवार को बाद में स्टॉकहोम में अलग-अलग समारोहों में दिए जाने वाले हैं।