नई दिल्ली / One Nation one Election : एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक समिति बनी है। समिति ने पिछले हफ्ते देश में एकसाथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। इसपर अभी तक लगभग पांच हजार से अधिक लोगों ने ई-मेल के जरिए सुझाव भेजे हैं। एक सार्वजनिक नोटिस में उच्च स्तरीय समिति ने कहा था कि 15 जनवरी तक प्राप्त सुझावों पर विचार किया जाएगा।
One Nation one Election : बीते साल गठित हुई थी समिति
One Nation one Election को लेकर बीते साल सितंबर माह में इस समिति का गठन किया गया था। इसके बाद से समिति की ओर से दो बैठकें हो चुकी हैं। इसने हाल ही में राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने के लिए परस्पर सहमत तिथि पर उनके विचार मांगे थे। बाद में समिति ने पार्टियों को एक पत्र भी भेजा था। छह राष्ट्रीय दलों, 33 राज्य स्तरीय दलों और सात पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को पत्र भेजे गए हैं।
One Nation one Election : समिति का उद्देश्य
समिति का उद्देश्य लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर गौर करना और सिफारिशें देना है। वैसे विधि आयोग भी एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर संभावित फार्मूले पर विचार कर रहा है। समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार भी सुने हैं। इस मुद्दे पर दोबारा विधि आयोग को चर्चा के लिए बुलाया जा सकता है।
15 जनवरी तक दे सकते हैं सुझाव
One Nation one Election को लेकर आप भी अपना सुझाव दे सकते हैं। इसके लिए 15 जनवरी तक का तिथि निर्धारित किया गया है। समिति ने आम लोगों से राय मांगते हुए इसके लिए एक वेबसाइट और ईमेल जारी किया है। समिति ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में बदलाव करने के लिए आम जनता अपनी राय को समिति की वेबसाइट onoe.gov.in पर पोस्ट किए जा सकते हैं या फिर लोग ईमेल द्वारा भी सुझाव दे सकते हैं। समिति द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, लोग अपनी राय को ईमेल sc-hlc@gov.in पर भी भेज सकते हैं।
One Nation one Election : एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर बनी समिति में ये लोग शामिल
One Nation one Election को लेकर बनी समिति के चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। समिति के अन्य सदस्यों में गृहमंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद का भी नाम भी शामिल है।
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