उत्तरकाशी। हर दिन नई उम्मीद और फिर कुछ समय के निराशा। यही नियति बन गई थी उन मजदूरों की जो 17 दिन से उत्तरकाशी के सिलक्यारा के सुरंग में दीपावली के दिन से ही फंसे हुए थे। अब एक बड़ी खुशखबरी सामने आ चुकी है। सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित रूप से सुरंग से बाहर निकाल लिया गया है। सुरंग से सबसे पहले बाहर निकलने वाले विजय होरो थे। बता दें कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 41 मजदूर दिवाली की सुबह यानी 12 नवंबर से पहाड़ी के ढहने की वजह से फंसे हुए थे।
डिक्स ने जब बौखनाग के सामने हाथ जोड़े
टनल में फंसे मजदूरों को बचाने का कार्य अनवरत चलता रहा। एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि गुरुवार यानी 23 नवंबर को इन्हें सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन अचानक से मशीन खराब हो गई। मजदूरों को निकालना मुमकिन नहीं हो सका और रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ा। देश-विदेश से एक्सपर्ट्स बुलाए गए थे ताकि जल्द से जल्द सभी मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया से टनलिंग एंड अंडरग्राउंड एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स को बुलाया गया। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन के अलावा पिछले मंगलवार को मजदूरों के लिए प्रार्थना भी की थी। डिक्स ने बाबा बौखनाग के सामने हाथ जोड़े, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।
स्थानीय विवाद का पृष्ठभूमि
उत्तरकाशी टनल निर्माण में जुटे विवादों के बीच, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा इष्ट देव भगवान बौखनाग के प्रकोप का परिणाम है। हादसा सुरंग के ऊपर बौखनाग देवता के मंदिर को हटाने के बाद हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते साल 2019 में कंपनी ने वादा किया था कि वह एक मंदिर बनवाएगी लेकिन साल 2023 बीतने पर है और मंदिर का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हुआ। यहां तक की गांव वालों ने एक छोटा सा मंदिर बनवाया था और कंपनी ने उसे भी तोड़ दिया। गांव वालों का कहना है कि इसके बाद ही या बड़ा हादसा हुआ है।
कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स ?
अर्नोल्ड डिक्स एक अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट हैं। अर्नोल्ड डिक्स जिनेवा स्थित इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख हैं और वे भूमिगत निर्माण से संबंधित टूल्स, प्रक्रिया, और सुरक्षा मामलों में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कई प्राकृतिक आपदाओं में अपनी खास भूमिका निभाई है, जिसके कारण उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन एक्सपर्ट माना जाता है। वह अपनी टीम को लीड करते हुए प्रोजेक्ट के निर्माण से लेकर तकनीकी विवरण तक सभी पहलुओं का खयाल रखा जाता है।
ऑपरेशन की कठिनाइयां
उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन अब तक कई अड़चनों का सामना कर पड़ा लेकिन डिक्स ने अपनी टीम के साथ मिलकर समस्त कठिनाइयों का सामना करते हुए मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। डिक्स ने उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए अपने ज्ञान और मेहनत दोनो ही का इस्तेमाल किया। आपको बता दे की यह हादसा तब हुआ जब पूरा देश दिवाली मानने की खुशियों में व्यस्त था। 12 नवंबर की सुबह करीब 9.30 बजे उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में पहाड़ी के ढहने से 41 मजदूर फंस गए थे। तब से एक्सपर्ट्स उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे थे।
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