RANCHI: झारखंड में 8वें राष्ट्रीय पोषण माह का राज्यस्तरीय शुभारंभ गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में कुपोषण, एनीमिया और मातृ-शिशु स्वास्थ्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में 100 से अधिक पारंपरिक झारखंडी व्यंजन हैं, जिनका निर्माण मुख्यतः ग्रामीण महिलाओं द्वारा किया जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इन व्यंजनों की रेसिपी को सोशल मीडिया पर साझा करें ताकि इसका ग्लोबल इम्पैक्ट हो और लोकल व्यंजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
2 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
उन्होंने यह भी बताया कि स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान का राज्यस्तरीय शुभारंभ हो चुका है, जो 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की जाएगी और उन्हें दवाएं मुफ्त में दी जाएंगी। इसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहियाओं की भूमिका अहम होगी।
संस्थागत प्रसव में सुधार की जरूरत
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर के मामले में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है, हालांकि संस्थागत प्रसव दर को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने पोषण माह के तहत 15 दिनों तक रोजाना राज्यभर में 4000 से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाने की घोषणा की। इसके साथ ही पोषण जागरूकता बढ़ाने के लिए चीनी, मैदा और तेल जैसे पदार्थों के सीमित उपयोग के साथ थाली में रंग-बिरंगे फल व सब्जियों को शामिल करने की सलाह दी।
इनके बिना स्वस्थ झारखंड की कल्पना नहीं
समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि बिना स्वस्थ महिला के स्वस्थ भारत और स्वस्थ झारखंड की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने पोषण ट्रैकर अपडेट करने, होम विजिट्स के दौरान पुरुषों को भी जागरूक करने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षा जताई। कार्यक्रम के दौरान खूंटी और रामगढ़ की दो सहायिकाओं को स्थानीय व्यंजन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए क्रमशः 21,000 और 10,000 के चेक दिए गए। इसके अलावा पोषण की पांच सूत्री पहले 1000 दिन और कम चीनी-तेल जैसे विषयों पर आधारित पोस्टर विमोचन भी किया गया।