चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में भाजपा के कोल्हान बंद का व्यापक असर नहीं दिखा। झामुमो जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने बुधवार को कहा है कि बंद को आम जनता का समर्थन नहीं मिला है और यह “टांय टांय फिस” साबित हुआ है। सदर बाजार और चक्रधरपुर के शहरी क्षेत्र को छोड़कर जिले के अन्य हिस्सों में दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुली रहीं, यातायात भी सामान्य रहा। यात्री वाहन बेरोकटोक चलते रहे, जिससे पता चलता है कि भाजपा का आह्वान जनभावना से जुड़ नहीं पाया।
लागुरी ने आरोप लगाया कि भाजपा कोल्हान की शांति भंग करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नो-एंट्री को लेकर हुए प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी और बोतल बम से हिंसा फैलाई। उन्होंने कहा, “चम्पाई सोरेन, मधु कोड़ा, गीता कोड़ा और जेबी तुबिद जैसे नेताओं की गलत नीतियों के कारण आदिवासी समाज कानून के शिकंजे में फंस रहा है।”
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने उपायुक्त के साथ अभद्र व्यवहार किया। झामुमो इसकी कड़ी निंदा करती है। लागुरी ने कहा, “मधु कोड़ा अपनी राजनीति के लिए सामाजिक संगठनों को बदनाम कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा घाटशिला उपचुनाव में हार के डर से चाईबासा की घटना को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है, लेकिन जनता भाजपा के इस हथकंडे को समझ चुकी है। बुधवार को चाईबासा में हुए बंद के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर एनएच जाम किया था।
पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। झामुमो का दावा है कि जिला प्रशासन शांति वार्ता में संयम बरत रहा था, लेकिन भाजपा ने गुलेल और बोतल बम से पुलिस पर हमला कर स्थिति बिगाड़ दी।
झामुमो ने मांग की है कि हिंसा की साजिश रचने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए। नो-एंट्री के मुद्दे पर भाजपा का रवैया जनविरोधी है। पार्टी ने कहा कि मंत्री दीपक बिरुवा और राज्य सरकार इस मामले पर घाटशिला उपचुनाव के बाद निर्णय लेगी।
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