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हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा समेत दो नक्सलियों को उम्रकैद

by The Photon News Desk
Naxali Munna
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सोनभद्र। Naxali Munna : साढ़े 11 वर्ष पूर्व तत्कालीन एसपी सुभाष चन्द्र दुबे के नेतृत्व में कनछ कन्हौरा जंगल में दो घंटे हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए 10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और 50 हजार के इनामी नक्सली अजीत कोल के पास से प्रतिबंधित असलहा बरामद होने के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल को आजीवन कारावास व 25-25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो- दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 23/24 मई 2012 को मुखबिर खास के जरिए यह सूचना मिली कि कनछ कन्हौरा के जंगल में कुछ नक्सली अपराधियों की चहल कदमी देखी गई है। जो किसी गंभीर अपराध को अंजाम देने की फिराक में हैं। इतना ही नहीं उनके साथ अन्य प्रांतों के नक्सली संगठन के लोग आकर बैठक कर रहे हैं।

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Naxali Munna विश्वकर्मा समेत दो नक्सलियों को उम्रकैद

पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने तत्कालीन सीओ अनिल कुमार यादव , उपनिरीक्षक रविंद्र कुमार सिंह यादव, उपनिरीक्षक जेके सिंह, उपनिरीक्षक शिवानंद मिश्रा, उपनिरीक्षक सुनील चंद तिवारी, उपनिरीक्षक के राम मोहन राय, उपनिरीक्षक वीरेंद्र कुमार यादव को अपने अपने हमराहियों के साथ चोपन थाने पहुंचने का निर्देश दिया। थोड़ी ही देर बाद पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे भी फोर्स के साथ चोपन थाने पहुंच गए।

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसओजी और सीआरपीएफ फोर्स को मौके पर बुलाया गया। चोपन थाने पर ही टीम बनाई गई। पहली टीम का नेतृत्व एसपी सुभाष चंद्र दुबे खुद कर रहे थे, दूसरी टीम का नेतृत्व सीओ ओबरा अनिल कुमार यादव कर रहे थे। सभी लोग असलहों से लैस होकर बुलेट प्रूफ जैकेट और अन्य सामग्रियों के साथ कनछ जंगल की तरफ बढ़े तो कुछ दूरी पर कुछ लोग असलहे के साथ बैठे हुए दिखाई दिए।

जब एसपी साहब ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने को कहा तो नक्सलियों ने पुलिस बल के ऊपर अंधाधुंध फायर करने लगे। अपना बचाव करते हुए पुलिस बल ने भी फायरिंग शुरू कर दी। करीब दो घंटे हुई पुलिस मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की ओर से गोलीबारी बंद हो गई। जब पुलिस बल के साथ निगरानी की गई तो दो नक्सली दिखाई दिए, जिन्हे पुलिस टीम ने पकड़ लिया। शेष नक्सली भागने में सफल हो गए।

पूछताछ में पकड़े गए नक्सली ने अपना नाम पता मुन्ना विश्वकर्मा उर्फ विद्रोही, उर्फ रामवृक्ष पुत्र तिलकधारी निवासी समाबाध , कम्हारडीह, थाना राबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र और दूसरे ने अपना नाम पता अजीत कोल उर्फ अभिषेक उर्फ हरिशंकर कोल पुत्र बहादुर कोल निवासी सनाइत, थाना नौगढ़, जिला चंदौली बताया।

तलाशी करने पर उनके कब्जे से भारी मात्रा में प्रतिबंधित असलहा और 55 जिंदा कारतूस बरामद हुआ। बुलेट प्रूफ जैकेट पर दो फायर लगा था। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा के ऊपर यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में 10 लाख का इनाम था। सिर्फ यूपी में तीन लाख का इनाम था। वहीं अजीत कोल के ऊपर 50 हजार का इनाम था।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल को आजीवन कारावास व 25- 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

अर्थदंड न देने पर दो- दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक और अभियुक्तगणों की ओर से अधिवक्ता रोशन लाल यादव ने बहस की।

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