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दिल्ली की संसद में हो रही थी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा: पाकिस्तान में हो गया ‘बड़ा खेला’, अमेरिका, चीन हैरान

by Rakesh Pandey
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इस्लामाबाद : दिल्ली की संसद में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी। इसी बीच पाकिस्तान में ‘बड़ा खेला’ हो गया।पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले ही औपचारिक रूप से भंग करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान में अचानक पैदा हुए राजनीतिक हालात से अमेरिका, चीन सहित दुनिया के कई दूसरे देश हैरान रह गए। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जेल जाने के बाद राजनीतिक घटनाक्रम इतनी तेजी से बदलेगा इसका अंदाजा शायद किसी को नहीं था। इस बीच मौजूदा हालात को देखते हुए
देश चलाने के लिए एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करने के प्रयास जारी हैं। दरअसल पाकिस्तान में आम चुनाव इस साल के अंत में होने हैं।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने आखिर क्यों किया ऐसा फैसला

माना जा रहा है कि पाकिस्तान राष्ट्रपति आरिफ.अल्वी ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सिफारिश पर बुधवार को नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। जिससे मौजूदा सरकार का कार्यकाल निर्धारित अवधि से तीन दिन पहले ही समाप्त हो गया। प्रधानमंत्री शरीफ ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम को लेकर गुरुवार को विपक्ष के नेता के साथ औपचारिक परामर्श किया।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक शरीफ प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे।

क्या कहा गया राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी अधिसूचना में

राष्ट्रपति कार्यालय ‘प्रेसिडेंशियल पैलेस’ द्वारा जारी नेशनल असेंबली को भंग करने संबंधी अधिसूचना में कहा गया है कि नेशनल असेंबली को संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत भंग कर दिया गया है।.अनुच्छेद 58 के अनुसार, अगर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सिफारिश के 48 घंटे के भीतर असेंबली को भंग करने में विफल रहते हैं, तो असेंबली स्वतः ही भंग हो जाती है।.राष्ट्रपति अल्वी ने एक बयान में कहा, ‘‘अधिसूचना के छठे पैरा में प्रधानमंत्री की सिफारिश स्वीकृत की जाती है।’’

एक्स पर क्या आया पोस्ट

राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 58-1 के तहत प्रधानमंत्री की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग किया है।’’

शरीफ ने किन नेताओं के साथ की बैठक

शरीफ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री आवास पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति पर नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज के साथ औपचारिक परामर्श किया।
शरीफ और विपक्ष के नेता राजा रियाज के पास कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए संविधान के अनुसार अब तीन दिन का वक्त है।
राजा रियाज ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री शरीफ के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक सौहार्दपूर्ण और अनुकूल माहौल में हुई।

पाकिस्तान के घटनाक्रम पर क्या कह रहा स्थानीय मीडिया

पाकिस्तान के दैनिक समाचारपत्र डॉन की खबर के मुताबिक, राजा रियाज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए नामों पर विचार करूंगा। इसी तरह प्रधानमंत्री साहब भी मेरे द्वारा दिए गए नामों पर विचार करेंगे…फिर से बैठक होगी। ’’
हालांकि, उन्होंने इस बैठक को लेकर विवरण देने से इनकार कर दिया। लेकिन कहा कि आज की बैठक के दौरान छह नामों पर चर्चा हुई और वे सभी ‘सम्मानित लोग’ हैं।

राजा ने तीन लोगों के नाम सुझाए

जब राजा रियाज से नामांकन के लिए उनकी ओर से किसी नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दिमाग में तीन लोगों के नाम हैं।’’
स्थानीय मीडिया के अनुसार, तीन नाम प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें दो नामांकन शामिल हैं-पूर्व राजनयिक जलील अब्बास जिलानी और पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी। इसके अलावा, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) द्वारा सिंध के गवर्नर कामरान टेसोरी के नाम का प्रस्ताव रखा गया है।

क्या है पाकिस्तान के अलग-अलग दलों की स्थिति, वैधानिक प्रणाली

इस मुद्दे पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) द्वारा कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के असंतुष्ट नेता राजा रियाज को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) जैसी प्रमुख पार्टियों का करीबी माना जाता है। संभव है कि वह सरकार के उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे।

अगर वह किसी नाम पर सहमत नहीं हो पाते हैं, तो मामला नेशनल असेंबली के अध्यक्ष द्वारा गठित एक समिति को भेजा जाएगा। जिसे तीन दिन के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री का नाम तय करना होगा।

अगर समिति निर्धारित अवधि के भीतर निर्णय लेने में असमर्थ रहती है तो प्रस्तावित नाम पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को भेज दिए जाते हैं। इसके बाद आयोग के पास विपक्ष और सरकार द्वारा प्रस्तावित नामों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए दो दिन का समय होता है।
दोनों पक्ष, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता, प्रधानमंत्री पद के लिएअधिकतम दो लोगों के नाम आगे बढ़ा सकते हैं।

पूरे घटनाक्रम पर क्या निवर्तमान प्रधानमंत्री शरीफ

प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा था कि वह अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति के संबंध में अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने के लिए विपक्षी नेता रियाज से मिलेंगे। उन्होंने गुरुवार को वही किया। नेशनल असेंबली को भंग करने का कदम ऐसे वक्त उठाया गया है, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भ्रष्टाचार मामले में मिली सजा को पलटने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

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किस मामले में जेल में बंद हैं इमरान खान

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (70) को 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के लिए तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को इस्लामाबाद की निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी। बाद में उन्हें पंजाब पुलिस ने उनके लाहौर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था। इमरान वर्तमान में अटक जेल में बंद हैं। उन्होंने मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपने वकीलों के माध्यम से एक याचिका दायर कर मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा को चुनौती दी।

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