नई दिल्ली : साल 2023 के नोबेल पुरस्कारों का ऐलान सोमवार से शुरू हो गया। स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा 2 अक्टूबर, 2023 को की गई। फिजियोलॉजी और मेडिसिन में इस साल का नोबेल पुरस्कार कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को दिया गया है। उन्हें न्यूक्लियोसाइड आधारित संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस खोज की वजह से कोरोना वायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने कोरोलिंस्का संस्थान में विजेता की घोषणा की। मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।
कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मिला नोबेल पुरस्कार
कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित महत्वपूर्ण खोजों की वजह से उन्हें सम्मानित किया गया है। उनके काम ने नए दिशा-निर्देश प्रदान किया है और वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। इन खोजों का एक महत्वपूर्ण प्रयोजन था कोविड-19 के समय, जब पूरी दुनिया को इस महामारी के साथ मुकाबला करना था। कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन की खोज ने MRNA (मैसेंजर आरएनए) टीकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने में मदद मिली। इन दोनों वैज्ञानिकों को उनके अद्वितीय और जीवन-रक्षा खोजों के लिए सलामी दी गई है, और यह सम्मान उनकी महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देता है। विजेताओं को पुरस्कार के साथ एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नकद राशि प्रदान की जाती है।
चिकित्सा क्षेत्र के साथ शुरू हुआ नोबेल पुरस्कार 2023
2024 नोबेल पुरस्कार की घोषणा के साथ इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ने की शुरुआत हो गई है। इस वर्ष, पुरस्कारों की घोषणा का माहोल चिकित्सा के क्षेत्र से ही शुरू हुआ है।
किन क्षेत्रों में दिए जाते हैं नोबेल पुरस्कार?
नोबेल पुरस्कार, पिछले 12 महीनों में मानवता की भलाई में उत्कृष्ट काम करने वालों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं। ये पुरस्कार कई क्षेत्रों में प्रदान किए जाते हैं, जैसे कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य, और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए।
अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं ये अवॉर्ड
ये पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट के अविष्कारक, अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस पुरस्कार के फंड के लिए छोड़ दिया था।
पहली बार कब दिया गया नोबेल पुरस्कार?
पहली बार नोबेल पुरस्कार 1901 में दिया गया था, और से 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी, इकॉनमिक साइंसेस, जोड़ दी गई थी। इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों को प्रमोट करना है जिन्होंने अपने डोमेन में महत्वपूर्ण योगदान किया है और मानवता के लिए उनकी सेवाएं या योगदान से समृद्धि आई है।
आगामी दिनों में इन क्षेत्रों की होगी घोषणा
अब, आगामी दिनों में हमें नोबेल पुरस्कारों की कई घोषणाएं सुनने को मिलेंगी। मंगलवार को, भौतिकी क्षेत्र में महान योगदान करने वाले व्यक्तियों के नामों की घोषणा होगी। उसके बाद, बुधवार को हमें रसायन विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के नामों की घोषणा सुनने को मिलेगी, जिन्होंने रसायन विज्ञान में अपना उद्देश्य पूरा किया है। इसके बाद, गुरुवार को, साहित्य क्षेत्र के महान लेखकों के नामों की घोषणा होगी, जिन्होंने शब्दों की शक्ति के माध्यम से समाज को प्रभावित किया है। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा नौ अक्टूबर को की जाएगी।
नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को
इसके अलावा, नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को होगी, जिसमें वैश्विक शांति और सौहाद्र के प्रति उन व्यक्तियों का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने विश्व समुदाय के लिए योगदान किया है।
कौन थे अल्फ्रेड नोबेल
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1933 में स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम इमैनुएल नोबेल और माता का नाम एंड्रिट अहलसेल नोबेल था। इनके पिता एक इंजीनियर और महान अविष्कारक थे। उन्हें पुलों एवं इमारतों के आधुनिक निर्माण में महारत हासिल थी। अल्फ्रेड जब महज 09 वर्ष के थे तभी उनके पूरे परिवार को स्वीडन छोड़कर रूस जाना पड़ा। महज 17 वर्ष की आयु में अल्फ्रेड ने 05 (फ्रेंच, रूसी, स्वीडिश, अंग्रेजी और जर्मन) भाषाओं में महारत हासिल कर ली थी। बचपन से ही इनका साहित्य एवं विज्ञान में काफी रुचि रही। इनके पिता ने इन्हे केमिकल इंजीनियर की पढाई के लिए पेरिस भेजा। यहाँ इन्होने नईट्रोग्लिसरीन (विस्फोटक तरल) पर गहन अध्यन किया। वर्ष 1863 में नोबेल फैमिली स्वीडन वापस लौट आती है। यहाँ पर आकर अल्फ्रेड ने नाइट्रोग्लिसरीन के साथ प्रयोग को तीव्र गति प्रदान की। फलस्वरूप 1866 में इन्होंने डायनामाइट नामक विध्वंशक विस्फोटक की खोज की। जिसे 1867 में पेटेंट (क़ानूनी अधिकार) मिला। इसके अलावा इन्होने Detonator या ब्लास्टिंग कैप की भी खोज की। अपने पूरे जीवन काल में इन्होने 355 से ज्यादा अविष्कार किये।
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भारत में अब तक 10 व्यक्तियों को यह पुरस्कार मिला
नाम वर्ष पुरस्कार
रविंद्र नाथ टैगोर 1913 काव्य संग्रह गीतांजलि के लिए (साहित्य)
सी वी रमन 1930 रमन प्रभाव के लिए (भौतिकी)
हरगोविंद खुराना 1968 कृत्रिम जीन के संश्लेषण के लिए (चिकित्सा)
मदर टेरेसा 1979 समाज सेवा सम्बंधित कार्य के लिए (शांति)
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर 1983 चंद्रशेखर सीमा के लिए (भौतिकी)
अमर्त्य सेन 1998 कल्याणकारी अर्थशास्त्र के लिए (अर्थशास्त्र)
वी एस नायपाल 2001 लेखन के लिए (साहित्य)
वेंकेट रमण रामकृष्ण 2009 राइबोसोम की सरंचना एवं कार्यप्रणाली शोध (रसायन)
कैलाश सत्यार्थी 2014 शांति में
अभिजीत बनर्जी 2019 अर्थशास्त्र