पेरिस। भारतीय मुद्रा को विश्व के अन्य देशो में मान्यता दिलाने की कडी में एक और आयाम जुडने जा रहा है। जी हां, भारत का ‘‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’’ (यूपीआई) अब फ्रांस में भी चलेगा, इससे क्या होगा फायदा, कैसे करेगा काम आइये जानते हैं। पीएम मोदी ने कहा है कि फ्रांस में यूपीआई ट्रांजेक्शन की शुरुआत होने वाली है जिसको लेकर पिछले साल कुछ अहम समझौते हुए थे और अब वह डील फाइनल हो गई है।
चर्चा में क्यों
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपने फ्रांस के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे पर भारत को ‘‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’’ (UPI) के मोर्चे पर बड़ी कामयाबी मिली है। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच इस बड़ी डील के बाद फ्रांस में भी यूपीआई चल सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब इंडियन टूरिस्ट फ्रांस में भारतीय करेंसी में पेमेंट कर सकेंगे। यूपीआई के मोर्चे पर ये भारत की अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी है। वहीं, फ्रांस भारतीय यूपीआई लांच करने वाला यूरोप का पहला देश बन गया है।
भारतीय इकोनॉमी से लेकर आम आदमी पर क्या असर होगा
भारतीय नागरिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की यूपीआई भुगतान प्रणाली के इस्तेमाल को लेकर फ्रांस के साथ एक समझौता हुआ है। इसकी शुरुआत एफिल टावर से की जाएगी और अब भारतीय पर्यटक एफिल टावर में यूपीआई प्रणाली के जरिए भारतीय करेंसी में भुगतान कर सकेंगे। यूपीआई सेवाएं प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने फ्रांस की तेज और सुरक्षित ऑनलाइन भुगतान प्रणाली ‘लायरा’ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। जिसे अब लागू किया जा रहा है।
फ्रांस की इंडियन यूपीआई डील से क्या होगा फायदा
फ्रांस और इंडियन यूपीआई की मंजूरी से उन लोगों को फायदा होगा जो भारत से घूमने के लिए फ्रांस जाएंगे। वो वहां पर बिना किसी झंझट के और बिना कोई करेंसी एक्सचेंज के आसानी से यूपीआई के जरिये इंडियन करेंसी में पेमेंट कर सकेंगे। इससे देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन का क्रेज और बढ़ेगा साथ ही देश की इकोनॉमी को भी फायदा होगा।
कैश की जगह यूपीआई से भुगतान का बढा चलन
बता दें, देश में लोग कैश का इस्तेमाल कम से कम कर रहे हैं। ऐसे में यूपीआई के देश-विदेश में शुरू होने से यूपीआई ट्रांजेक्शन बढ़ेगा। आज हर छोटी से छोटी चीज लेने के लिए लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। इससे इंडियन करेंसी और यूपीआई और को भी मजबूती मिलेगी। साथ ही भारत का और इसके यूपीआई पेमेंट मैथड का डंका भी विदेश में बजेगा।
ऐसे कर सकते हैं इस्तेमाल
भारतीय नागरिकों को अब पेरिस या एफिल टावर जाने के लिए वहां की करेंसी एक्सचेंज कराने की जरूरत नहीं होगी। वहां जाकर डायरेक्ट यूपीआई से इंडियन रुपये में पेमेंट कर सकते हैं। इससे करेंसी एक्सचेंज के झंझट से भी छुटकारा मिलेगा और यूपीआई को भी बढ़ावा मिलेगा।
इन देशों में शुरू हो गई इंडियन यूपीआई
सिंगापुर में भी अब लोग यूपी आई से पेमेंट कर सकेंगे। सिंगापुर के पे नाउ के साथ यूपीआई की डील हुई है। वहीं नेपाल और भूटान जैसे देशों में पहले से ही यूपीआई से भुगतान चल रहा है। फ्रांस में यूपीआई शुरू होने के बाद जल्द ही आस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, हांगकांग, ओमान, कतर, यूएई और यूके जैसे देशों में भी यूपीआई से पेमेंट किया जा सकेगा। इसके अलावा पेमेंट मेथड का इस्तेमाल जी-20 समूह से जुड़े देशों के नागरिक भारत आने पर कर सकते हैं। भारत आने पर कुछ इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर यूपीआई इस्तेमाल करने की सुविधा लोगों को दी जा रही है। इसी के साथ डिजिटल पेमेंट में भारत दुनिया का नंबर एक देश बन चुका है।
यह है उद्देश्य
दरअसल, भारत अपने पेमेंट सिस्टम को दुनिया के देशो में फैलाना चाहता है। इसके कई फायदे भी हैं। जैसे विदेश में रहने वाले भारतीयों को पैसे भेजने में सहूलियत होगी। विदेश जाने वाले सैलानियों को पैसे खर्च करने में दिक्कत नहीं होगी। विदेशियों के यूपीआई का इस्तेमाल करने से हमारा आर्थिक दबदबा भी बढ़ेगा। इन वजहों से ही सरकार ने यूपीआई को इंटरनेशनल नंबरों से भी ऑपरेट करने की सुविधा प्रदान की है।
सहज और सुरक्षित है भारतीय यूपीआई
यूपीआई के लोकप्रिय होने का सबसे बड़ा कारण इसका सिंपल व सुरक्षित होना है। भारत सरकार ने इसे 2016 में लांच किया था। तभी यह वादा किया गया था, कि इसका इस्तेमाल आम लोगों के लिए बेहद सरल होगा, ताकि टेक्नॉलाजी के कम जानकार भी यूपीआई का इस्तेमाल कर ऑनलाईन भुगतान कर सकें। यही वजह है कि 7 साल में ही यूपीआई का क्यूआर कोड ज्वेलरी शॉप से लेकर सब्जी के ठेले तक पर नजर आने लगा है।