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अब सदन में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर बवाल, क्या है सीटों के आवंटन का फॉर्मूला

अखिलेश ने कहा कि मैं कांग्रेस से नाराज नहीं हू, लेकिन जिन्होंने भी पार्लियामेंट में सीटिंग अरेंजमेंट किया है, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि बीजेपी हम गठबंधन के लोगों को बांटने का काम करेगी।

by Reeta Rai Sagar
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दिल्लीः बीते कुछ दिनों से इंडिया ब्लॉक के बीच मनमुटाव की खबरें आ रही है। अब सदन में सीटों की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच खटपट हो रही है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी संकेत दिया है कि वे कांग्रेस से खफा है। हांला कि मीडिया से सवाल करने पर अखिलेश ने कहा कि वे कांग्रेस से नाराज नहीं है।

कहां बैठेंगे राहुल गांधी

18 वीं लोकसभा में नेताओं के बैठने की व्यवस्था यानि सीटिंग अरेंजमेंट तय हो चुकी है। इसके तहत पहली पंक्ति की प्रमुख सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठेंगे। विपक्ष के नेता राहुल गांधी आठवें ब्लॉक की सीट नंबर 498 पर बैठेंगे। इस बार कांग्रेस की ओऱ से बदलाव किए गए है और राहुल के बगल में सीट नंबर 497 कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल को दी गई है।

ध्यान रखना चाहिए कि बीजेपी हमें बांट सकती है

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव को सीट नंबर 355 आवंटित की गई है। बीते दिनों से आ रही मनमुटाव की खबरों पर अखिलेश ने कहा कि मैं कांग्रेस से नाराज नहीं हू, लेकिन जिन्होंने भी पार्लियामेंट में सीटिंग अरेंजमेंट किया है, उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि बीजेपी हम गठबंधन के लोगों को बांटने का काम करेगी। बीजेपी नहीं चाहती कि इंडिया गठबंधन के लोग एकजुट हों। सीटिंग अरेजमेंट कोई बहुत बड़ा मसला नहीं है, हम जब चाहें इसे सॉल्व कर लेंगे।

डिंपल यादव ने स्पीकर से की गुहार

लेकिन इस मामले में अखिलेश की पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा कि हमने स्पीकर के सामने यह मुद्दा उठाया है। हमने स्पीकर से इस मामले में विचार करने औऱ आगे की पंक्ति में एक और सीट देने को कहा है। डिंपल ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि वो हमारी बात सुनेंगे। अखिलेश की नाराजगी की खबर पर उनकी पत्नी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। स्पीकर ही सीटों का निर्णय लेते है, मेरी उनसे बात हो गई है।

इससे पहले जब सदन परिसर में संभल और अडानी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही थी, तब भी समाजवादी पार्टी का कोई भी सांसद साथ नहीं दिखा।

पहली पंक्ति में कौन बैठ सकता है
अब समझते है कि सदन की पहली पंक्ति में कौन-कौन बैठ सकता है। नियमानुसार, पार्टी में सांसदों की संख्या को पंक्ति में मौजूद कुल सीटों (जो कि 6 होती है) की संख्या से गुणा किया जाता है और फिर उसे सांसदों की कुल संख्या से डिवाइड कर दिया जाता है। यह रूल 5 से अधिक सांसदों वाली पार्टियों पर लागू होता है। इस फॉर्मूले को ऐसे समझा जा सकता है।

सपा के कुल सांसद- 37, तो उन्हें पहली पंक्ति में मिलने वाली सीटों की संख्या- 37X20/ 543= 1, यानि उन्हें पहली पंक्ति में 1 सीट मिलेगी।

क्या है संसद में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला
लोकसभा में रूल ऑफ प्रोसीजर ऑफ बिजनेस के रूल 4 के तहत संसद सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जाती है। इसके तहत स्पीकर ही सीट तय करते हैं। सिटिंग अरेंजमेंट के लिए एक फॉर्मूला भी तय किया गया है। पहले पार्टी के सांसदों की संख्या देखी जाती है, उसके बाद बैठक क्षमता के आधार पर सीटें आवंटित होती है। लोकसभा में कुल 543 सदस्य हैं।

लोकसभा की बैठक व्यवस्था को 8 ब्लॉक में बांटा गया है। पहली पंक्ति में कुल 20 सीटें हैं, जबकि एक ब्लॉक में पीछे 12 पंक्तियां है और एक पंक्ति में 6 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। सभी ब्लॉक की पहली पंक्ति में 20 सीटें है, जिनमें से 11 एनडीए को मिली है और 9 इंडिया ब्लॉक को दी गई है। इनमें से बीजेपी को 8 और कांग्रेस को 4 सीटें मिली है।

पहले कैसी थी सीटों की व्यवस्था
अबतक 8 वें पंक्ति में पहली सीट पर राहुल गांधी बैठते आए है। उनके बगले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद बैठते है। साथ ही दो अन्य सांसदों को भी जगह दी गई थी।

पहले ब्लॉक में ही दूसरे नंबर की सीट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मिली है। तीसरे नंबर की सीट गृह मंत्री अमित शाह और चौथे नंबर की सीट सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को दी गई है।

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