नई दिल्ली : भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक निर्णायक कार्रवाई में 9 बड़े आतंकी शिविर तबाह कर दिए गए। इस सैन्य ऑपरेशन की ब्रीफिंग करते हुए जब कर्नल सोफिया कुरैशी देश के सामने आईं, तो भारतवासी गर्व से झूम उठे। कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश की सैन्य ताकत को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखा।
कर्नल सोफिया के पिता बोले – मौका मिले तो खुद कर दूं पाकिस्तान का अंत
गुजरात के वडोदरा की रहने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी ने ANI से बात करते हुए कहा, ‘हमारी बेटी ने देश के लिए कुछ कर दिखाया, हमें उस पर गर्व है। अगर मुझे मौका मिले, तो पाकिस्तान को खत्म कर दूं। पाकिस्तान दुनिया में रहने लायक देश नहीं है’।
उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लिया था। उनका कहना है कि देश के लिए कुछ करना हमारे परिवार की परंपरा रही है। उनके पिता और दादा भी सेना में थे।
भारतीय सेना में सेवा है परिवार की परंपरा
ताज मोहम्मद कुरैशी ने कहा, ‘हम पहले भारतीय हैं, फिर कुछ और’। यह सोच उनकी बेटी में भी बचपन से थी। सोफिया कुरैशी ने एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा से बायोकैमिस्ट्री में एमएससी किया और पीएचडी की तैयारी के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं। लेकिन देशभक्ति के जज़्बे ने उन्हें भारतीय सेना की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया।
अगली पीढ़ी भी सेना में जाने को तैयार
उनके भाई मोहम्मद संजय कुरैशी ने बताया कि अब परिवार की अगली पीढ़ी भी सेना में सेवा देना चाहती है। उनकी बेटी जारा भी कहती है, ‘मुझे बुआ की तरह आर्मी जॉइन करनी है’।
कर्नल सोफिया कुरैशी : भारतीय सेना की गौरवशाली अधिकारी
गुजरात सरकार के अनुसार, कर्नल सोफिया कुरैशी ने 1997 में मास्टर्स करने के बाद सिग्नल कोर में सेना की सेवा शुरू की। उन्होंने 2016 में इतिहास रचते हुए ‘फोर्स 18’ मल्टीनेशनल एक्सरसाइज में भारतीय सैन्य दल की अगुवाई की। वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला अधिकारी बनीं।
संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी निभा चुकी हैं भूमिका
2006 में वे यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो में तैनात रहीं, जहां उन्होंने वैश्विक स्तर पर शांति बनाए रखने में योगदान दिया।
ऑपरेशन सिंदूर : आतंक पर सर्जिकल प्रहार
भारतीय सेना द्वारा किए गए इस सटीक और योजनाबद्ध ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगना के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। इससे पहले कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें कई भारतीय जवान शहीद हुए थे।
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