जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, को लेकर अब एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक इंक्रिप्टेड मोबाइल एप्लिकेशन ‘अल्पाइन क्वेस्ट’ का इस्तेमाल किया।
ऐप के जरिए जंगलों से टूरिस्ट स्पॉट तक पहुंच
सूत्रों के अनुसार, आतंकी पहलगाम के घने जंगलों से होते हुए बैसरन इलाके तक इस ऐप की मदद से पहुंचे। बैसरन वही इलाका है, जहां धर्म पूछकर पर्यटकों पर गोलीबारी की गई। यह ऐप, जो हाईली इंक्रिप्टेड नेविगेशन टूल है, आतंकियों को ट्रैकिंग से बचने और ऑफलाइन मैपिंग के जरिए जंगलों के जटिल रास्तों से सुरक्षित रास्ता निकालने में मदद करता है।
पाकिस्तानी सेना और ISI की संलिप्तता
इस हमले की जांच कर रही एजेंसियों का दावा है कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI ने आतंकियों को बॉर्डर पार से ट्रेनिंग दी थी। आतंकियों को न केवल इस ऐप का इस्तेमाल सिखाया गया, बल्कि उसे पेशेवर स्तर पर ऑपरेट करने की विधियां भी बताई गईं। यह भी कहा जा रहा है कि इस ऐप को पाकिस्तान में ही तैयार किया गया, जिससे भारतीय खुफिया एजेंसियों की ट्रैकिंग से बचा जा सके।
पहले भी किया गया था इस ऐप का इस्तेमाल
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है, जब आतंकियों ने Alpine Quest ऐप का इस्तेमाल किया है। इससे पहले जम्मू के जंगलों में हुई आतंकी गतिविधियों में भी इसका उपयोग हो चुका है। उस वक्त ऐप की ट्रैकिंग के बाद इसे विकल्प के तौर पर दुबारा इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई।
हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां
अब सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि इस ऐप का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क क्या है और इसे आतंकियों तक कैसे पहुंचाया गया। इसके साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह ऐप किसी साइबर चैनल या डार्क वेब के माध्यम से अन्य आतंकी संगठनों को भी उपलब्ध कराया गया है।