नई दिल्ली : भारत की सेना ने कुछ दिन पहले ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया था। अब इनमें से एक आतंकी की पहचान ताहिर हबीब (Terrorist Tahir Habib) के रूप में हुई है। दिलचस्प बात ये है कि उसका जनाजा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में निकाला गया, जिससे एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकी साजिश बेनकाब हो गई है।
POK में निकला जनाजा, शामिल हुए पूर्व पाक सैनिक और लश्कर आतंकी
खबरों के मुताबिक, ताहिर हबीब का जनाजा-ए-गायब पीओके के काई गल्ला गांव में निकाला गया। इसमें पूर्व पाकिस्तानी सैनिक, बुजुर्ग और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शामिल हुए।‘जनाजा-ए-गायब’ उस स्थिति में निकाला जाता है जब शव मौजूद नहीं होता। यह साफ दिखाता है कि पाकिस्तान और वहां की सेना इस आतंकी को किस नजर से देखते हैं-हीरो की तरह।
Terrorist Tahir Habib : पहले फौजी, बाद में बना लश्कर आतंकी
ताहिर हबीब पहले पाकिस्तानी सेना का जवान था। बाद में वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया। भारतीय खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, ताहिर ने पहलगाम हमले में मुख्य भूमिका निभाई थी। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी।
Terrorist Tahir Habib : ताहिर को ‘अफगानी’ नाम से भी जानते थे
इंटेलिजेंस एजेंसियों के रिकॉर्ड में ताहिर को ‘अफगानी’ नाम से भी जाना जाता था। वह सदोई पठान समुदाय से था, जिसकी जड़ें अफगानिस्तान और पूंछ विद्रोह से जुड़ी हैं।
फिर से सामने आया पाकिस्तान का चेहरा
पहलगाम हमले और ताहिर हबीब के जनाजे से यह दूसरी बार साफ हो गया कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है, उन्हें ट्रेनिंग देता है और जब वो मारे जाते हैं तो उन्हें शहीद जैसा सम्मान भी देता है। भारतीय सेना के ऑपरेशन से एक और साजिश नाकाम हो गई, लेकिन यह सवाल फिर उठता है-क्या अब भी पाकिस्तान अपने हाथ पीछे खींचेगा?
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