Chaibasa (Jharkhand) : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग का तीखा विरोध शुरू हो गया है। बंदगांव प्रखंड के सिंदुरीबेड़ा पंचायत के बाजार टांड में आयोजित एक विशाल जनसभा में, 22 आदिवासी बहुल गांवों के ग्रामीणों ने एकजुट होकर इस मांग का विरोध किया। ग्रामीणों ने ‘आदिवासी का हक-अधिकार छीनना बंद करो’ जैसे नारे भी लगाए।
बैठक में उपस्थित मुखिया सीमा चंपिया ने कहा कि आदिवासी समाज किसी भी कीमत पर कुड़मी जाति को एसटी में शामिल नहीं होने देगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम उठाया, तो आदिवासी समाज न सिर्फ सड़कों पर उतरेगा, बल्कि झारखंड विधानसभा तक धरना-प्रदर्शन करेगा।
‘हमारे हक-अधिकार बंट जाएंगे’
सीमा चंपिया ने कहा कि आदिवासी बहुल गांवों में जगह-जगह बैठकें करके समाज को इस मुद्दे पर जगाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने तर्क दिया कि अगर कुड़मी जाति को एसटी का दर्जा मिल जाता है, तो आदिवासी समाज को भारी नुकसान होगा। उन्होंने कहा, “हमारा हक और अधिकार बंट जाएगा, जिसका हम सब मिलकर विरोध करते हैं।”
उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह आदिवासी समाज के हित के बारे में सोचे, वरना एक उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस आम सभा में सिंदुरीबेड़ा पंचायत की मुखिया सीमा चंपिया के साथ राजेंद्र चांपिया, जुनुआ डहांगा, असोम लोमगा, मान सिंह बोदरा, ज्योतिष बोदरा, मनोहर भेंगरा, अंद्रियस पूर्ति, जोहन बोदरा, जुनुल बोदरा सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।