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पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ को पाकिस्तान में गोलियों से किया छलनी

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ को पाकिस्तान के सियालकोट के एक मस्जिद में अज्ञात लोगों ने गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। वह भारत के NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की मोस्टवांटेड सूची में सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक था। साल 2016 में पंजाब के पठानकोट के एयरबेस पर आतंकी हमला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया था, जिसमें सात जवान शहीद हो गए थे। NIA की जांच में पता चला था कि इस हमले का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ ही था।

अज्ञात हमलावरों ने उतारा मौत के घाट

मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार कुछ अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान के एक मस्जिद में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, एक और रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में उसे मारा गया है।

 

पठानकोट में एयरफोर्स के एयरबेस पर किया था हमला

2 जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरफोर्स के एयरबेस पर हमला कर दिया था। हमले में 7 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं, 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चला था। भारतीय सेना की वर्दी में आए हथियारबंद आतंकियों ने इसे अंजाम दिया था। वे सभी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रावी नदी के रास्ते आए थे। इस हमले की योजना शाहिद लतीफ ने ही बनाई थी। उसी ने चार आतंकियों को हमला करने के लिए पठानकोट भेजा था। आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद इन सभी आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी थी।

 

कौन था शाहिद लतीफ?

शाहिद लतीफ सियालकोट की नूत मस्जिद में मौलवी के रूप में काम कर रहा था। लतीफ पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में जाना जाता था। 47 वर्षीय शाहिद लतीफ पाकिस्तान के गुजरांवाला के अमीनाबाद कस्बे का रहने वाला था। लतीफ 1994 में भारत में आतंकवादी के रूप में गिरफ्तार हुआ था। उसे 2010 में वाघा सीमा के पास से पाकिस्तान के तरफ भेज दिया गया। शाहिद लतीफ 1999 में भारतीय विमान को हाईजैक करने का भी आरोपी था।

 

पाकिस्तान में 2023 में कई आतंकवादियों की हत्या

पाकिस्तान में 2023 में कई ऐसे आतंकवादियों की हत्या हुई है, जो भारत में मोस्टवांटेड थे। उनमें से रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम को पिछले महीने ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक मस्जिद के अंदर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी। उससे पहले मार्च में प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर की पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं, फरवरी में अज्ञात बंदूकधारियों ने बंदरगाह शहर कराची में अल-बद्र मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रजा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

 

11 साल तक भारतीय जेल में बंद रहा शाहिद

भारत में पकड़ाने के बाद उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप उसे जेल भेज दिया गया। वह भारतीय जेल में लगभग 11 वर्षों तक कैद रहा। भारत में उसकी सजा पूरी होने के बाद, 2010 में उसे पाकिस्तान भेज दिया गया। नेशनल इंटेलिजेंस एजेंसी की जांच में कहा गया कि भारत से निकाले जाने के बाद शाहिद लतीफ वापस पाकिस्तान की जिहादी फैक्ट्री में शामिल हो गया था।

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