पटना: Bihar Constable Transfer: बिहार के लगभग 19,858 सिपाहियों (कॉस्टेबलों) के लिए पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत की खबर आई है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले से बिहार पुलिस के हजारों जवानों को अस्थायी तौर पर स्थानांतरण से राहत मिल गई है।
क्या है मामला?
बिहार सरकार ने 5 मई 2025 को एक साथ 19,858 सिपाहियों का एक जिले से दूसरे जिले में तबादला कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ अमिताभ बच्चन व अन्य की ओर से अधिवक्ता अवनीश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह स्थानांतरण आदेश बिना किसी निर्धारित स्थानांतरण नीति के जारी किया गया है। वर्ष 2022 में पूर्व की स्थानांतरण नीति को समाप्त कर दिया गया था और अब तक कोई नई नीति तैयार नहीं की गई है।
हाईकोर्ट की टिप्पणी और निर्देश
इस मामले की सुनवाई जस्टिस राजेश वर्मा की एकलपीठ में हुई। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करें। अगली सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद की जाएगी। तब तक स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।
स्थानांतरण आदेश में क्या कहा गया था?
स्थानांतरण सूची में पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा, गया, भागलपुर, वैशाली, भोजपुर, बक्सर और चंपारण सहित कई जिलों के सिपाही शामिल थे। हालांकि, अंगरक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त सिपाहियों का स्थानांतरण प्रतिनियुक्ति अवधि तक स्थगित रखने का आदेश था।
याचिकाकर्ता का पक्ष
अधिवक्ता अवनीश कुमार ने कहा कि स्थानांतरण आदेश बिना प्रक्रिया के जारी किया गया है। 2010 से 2015 के बीच नियुक्त सिपाहियों को प्रभावित किया गया। कई ऐसे सिपाही जो वर्षों से एक ही जिले में कार्यरत हैं, उनका तबादला नहीं हुआ। यह आदेश असमानता और भेदभावपूर्ण है।
ग्रीष्मावकाश के बाद अगली सुनवाई में फैसला
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, अब राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्पष्ट स्थिति रखनी होगी। इसके बाद ग्रीष्मावकाश के बाद अगली सुनवाई में फैसला आगे बढ़ेगा। इस दौरान स्थानांतरण आदेश पर रोक बनी रहेगी।