- आदिवासी संगठनों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने की बैठक, हेमंत सरकार पर बोला तीखा हमला
Chaibasa (Jharkhand) : चाईबासा के तांबो चौक पर धरना पर बैठे आदिवासी संगठनों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की घटना को लेकर राज्य में सियासत गरमा गई है। मंगलवार को दिन में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने आंदोलित आदिवासी संगठनों के साथ बैठक कर 29 अक्टूबर को कोल्हान बंद की घोषणा की। वहीं, राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू के निर्देश पर पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व पुलिस प्रशासन का पुतला दहन किया।
दुर्घटना में मृत लोगों के आश्रितों को प्लांट में नौकरी दें
चंपाई सोरेन ने चाईबासा के कुजू गांव में मीडिया से बातचीत के क्रम में कोल्हान बंद की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिवासियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ने के विरोध में यह बंद बुलाया गया है। सोरेन ने मांग की कि मुख्य सड़क कुजू पुल से प्लांट के बीच दुर्घटना में मारे जाने वालों को प्लांट में स्थाई नौकरी दी जाए। साथ ही गर्भवती महिला पर हुए लाठी चार्ज की भी उन्होंने निंदा की।
यह कैसी आदिवासी सरकार, जो अपनों की ही बात नहीं सुनती
राज्य की हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो सरकार खुद को आदिवासियों की सरकार बताती है, वही आज आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भोगनाडीह, फिर रांची सरना स्थल, उसके बाद नगड़ी (रिम्स-2) में आदिवासियों पर लाठीचार्ज हुआ और अब मंत्री दीपक बिरुवा के निर्देश पर शांतिपूर्वक निवेदन करने आई भीड़ पर लाठी बरसाई गई। चंपाई सोरेन ने कहा कि यह कैसी आदिवासी सरकार है जो अपने ही लोगों की आवाज नहीं सुनती है। सरकार अंधी और बहरी हो गई है, अब आदिवासी ही इसे सबक सिखाएंगे।
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