लातेहार (झारखंड) : झारखंड के लातेहार जिले में नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पिछले महीने तीन बड़े इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया था, जिसके बाद इलाके में सक्रिय नक्सली संगठनों में अंदरूनी टूट और भय का माहौल देखा जा रहा है।
मारे गए इनामी नक्सली : संगठन को बड़ा झटका
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में निम्नलिखित शामिल हैं…
पप्पू लोहरा (10 लाख रुपये का इनामी) – जेजेएमपी सुप्रीमो
प्रभात गंझू (5 लाख रुपये का इनामी)
मनीष यादव (5 लाख रुपये का इनामी माओवादी कमांडर)
इसके अतिरिक्त, कई अन्य नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कुंदन सिंह खरवार (10 लाख रुपये का इनामी नक्सली) का नाम भी शामिल है।
नक्सली संगठन में सन्नाटा, आत्मसमर्पण की ओर बढ़ते कदम
पुलिस की इन कार्रवाइयों के बाद नक्सली संगठन में अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है। पुलिस के अनुसार, लगातार छापेमारी और मुठभेड़ से बचने के लिए नक्सली अपने सुरक्षित ठिकानों में छिप गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई छोटे नक्सली आत्मसमर्पण की योजना बना रहे हैं और कुछ ने संगठन से दूरी बनानी शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि अगर यही सिलसिला जारी रहा तो लातेहार जल्द ही नक्सल मुक्त जिला बन सकता है।
3 साल पहले भी चला था बड़ा अभियान, मजदूरी करने चले गए थे नक्सली
लातेहार, गढ़वा और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे बूढ़ा पहाड़ इलाके में करीब 3 साल पहले भी बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। उस दौरान कई नक्सली संगठन बिखर गए थे और नए कैडर संगठन छोड़कर मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में चले गए थे।
नक्सलियों के पास बचा है एक ही रास्ता
इस बारे में लातेहार एसपी कुमार गौरव ने बताया कि पुलिस नक्सलियों के पूर्ण सफाए तक अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि लातेहार जिले में नक्सलियों की संख्या अब बहुत कम रह गई है। नक्सलियों के पास अब बचने का एक ही रास्ता बचा है, वह है सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर आत्मसमर्पण करना। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी प्रावधानों के तहत सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि वे भविष्य में अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी सकें, लेकिन पुलिस अब उन नक्सलियों को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो नक्सलवाद का रास्ता नहीं छोड़ेंगे।