नई दिल्ली। Himachal Politics: मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट किया था और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी हार गए थे।
कांग्रेस ने राज्य में अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट गंवा दी है। कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बीजेपी के हर्ष महाजन के हाथों करारी हार मिली है। कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई वहीं निर्दलीय 3 विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया. सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि क्या राज्यसभा सीट गंवाने के बाद सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
Himachal Politics : पहली बार हार-जीत का फैसला पर्ची डालकर करना पड़ा
बीजेपी अब सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है, शायद इसी मांग को लेकर बीजेपी नेता राज्यपाल से मिल रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ, जब राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला पर्ची डालकर करना पड़ा, क्योंकि दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को एक बराबर वोट मिले थे। पर्ची डालने के बाद भी कांग्रेस हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन राज्यसभा चुनाव जीत गए।
Himachal Politics : कांग्रेस और बीजेपी दोनों तरफ़ 34-34 विधायक
हिमाचल में 68 सीटें हैं। किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत साबित करने के लिए 35 विधायकों की ज़रूरत होती है। राज्यसभा की वोटिंग के हिसाब से देखा जाए तो अभी कांग्रेस और बीजेपी दोनों तरफ़ 34-34 विधायक हैं।
अगर कांग्रेस क्रॉस वोटिंग करने वालों पर एक्शन लेती है तो विधायकों की संख्या 68 से घटकर 62 हो जाएगी। इसी के साथ बहुमत का आंकड़ा भी 32 हो जाएगा।
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