सिमडेगा : देश जहां एक ओर 5G तकनीक की रफ्तार से दौड़ रहा है, वहीं झारखंड के सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीर अब भी बदहाली की दास्तां बयां करती है। डुमरिया पंचायत के मारीकेल बाटी दरी गांव में सड़क सुविधा नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को खाट एंबुलेंस के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया गया।
सड़क न होने से ग्रामीणों ने निभाई जिम्मेदारी
मारीकेल बाटी दरी गांव की निवासी सुमंती बागे दो दिनों से प्रसव पीड़ा से जूझ रही थीं। गांव तक कोई पक्की सड़क नहीं होने की वजह से न तो एंबुलेंस पहुंच सकी और न ही कोई अन्य सरकारी सहायता। जानकारी मिलने पर डुमरिया पंचायत के मुखिया लूथर भुइंया और रौतिया समाज के अध्यक्ष महेश सिंह ने ग्रामीणों की मदद से सुमंती को खाट पर दो किलोमीटर तक जंगल और पहाड़ के रास्ते ले जाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद महेश सिंह ने अपनी निजी कार से महिला को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज किया गया।
अभी भी पक्की सड़क से वंचित हैं कई गांव
इस तरह की घटना कोई पहली बार नहीं है। सिमडेगा जिले के बानो, जलडेगा और पाकरटांड़ प्रखंडों के कई गांव आज भी बुनियादी सड़क सुविधा से वंचित हैं। इन क्षेत्रों में बार-बार ऐसी तस्वीरें सामने आती रही हैं, जहां मरीजों को खाट या पालकी पर अस्पताल ले जाया जाता है।
प्रशासन ने लिया संज्ञान, सड़क निर्माण की मांग तेज
घटना की जानकारी मिलते ही सिमडेगा उपायुक्त कंचन सिंह ने संज्ञान लेते हुए बानो प्रखंड की मेडिकल टीम को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, उन्होंने सड़क निर्माण को लेकर भी आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है। पंचायत मुखिया लूथर भुइंया ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द गांव तक पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए, जिससे भविष्य में किसी भी मरीज को इस तरह की कठिनाई न झेलनी पड़े।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत
इस घटना ने एक बार फिर झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं, सड़क संपर्क, और आपातकालीन सुविधाओं की जमीनी हकीकत को उजागर किया है। जब तक गांव-गांव तक पक्की सड़क और आधारभूत संरचना नहीं पहुंचती, तब तक ऐसी घटनाएं आम बनी रहेंगी।
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