Home » राष्ट्रपति द्रौपदी का तीन दिवसीय बिहार दौरा, जानिए क्या है कार्यक्रम 

राष्ट्रपति द्रौपदी का तीन दिवसीय बिहार दौरा, जानिए क्या है कार्यक्रम 

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

 

 

 

 

पटना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 अक्टूबर की सुबह पटना आएंगी। उनके तीन दिवसीय दौरे को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हाल ही में जी20 के सम्मेलन में दिल्ली गए थे। यहां उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के साथ हुई थी। अब नीतीश कुमार के बुलावे पर द्रौपदी मुर्मू बिहार दौरे पर आने वाली हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति तीन दिवसीय दौरे पर आने वाली हैं। यह दौरा बेहद खास होने वाला है। चौथे कृषि रोड मैप (Fourth Agricultural Road Map) की औपचारिक शुरुआत अक्टूबर में होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका उद्घाटन करेंगी। राष्ट्रपति के राज्य में पहले आगमन को यादगार बनाने के लिए सब तैयारियां तेजी से चल रही हैं।

 

बिहार में राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी 

 

भव्य परेड का अभ्यास आरंभ कर दिया गया है और एयरपोर्ट, परेड स्थल, राजकीय अतिथिशाला, सर्किट हाउस पर मेडिकल टीम के साथ एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को तैनात करने के निर्देश भी दिए गए हैं। राष्ट्रपति 18 अक्टूबर को पटना आएंगी और 20 अक्टूबर तक यहां रुकेंगी। इसके अलावा, रविवार को कलश स्थापना पूजन के साथ नवरात्र का आगाज हो चुका है। इस संदर्भ में, 24 अक्टूबर तक सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की अवकाश रद्द कर दी गई है।

 

राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी चतुर्थ कृषि रोड मैप का लोकार्पण 

राष्ट्रपति मुर्मू चतुर्थ कृषि रोड मैप का लोकार्पण करेंगी, जो कृषि सेक्टर के विकास और मॉडर्नीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, वे पटना एम्स के दीक्षांत समारोह में भाग लेने वाली हैं। बता दें कि राज्य में पहला कृषि रोड मैप 2018 में लागू किया गया था। दूसरे रोड मैप का उद्घाटन 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था। तीसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी। अब चौथे कृषि रोड मैप का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करने वाली हैं।

 

क्या है चौथा कृषि रोड मैप? 

 

चौथा कृषि रोड मैप एक महत्वपूर्ण कृषि योजना है। इस योजना के अनुसार, राज्यों में कृषि से जुड़े 100 सीट हब बनाए जाएंगे, और 20 मिलेट हब तैयार किए जाएंगे। इन हबों का मुख्य उद्देश्य यह होगा कि जूट की खेती और गुड़ के उद्योग को बढ़ावा दिया जाए, जो विभिन्न राज्यों में विकसित किये जाएंगे। इसके अलावा, लेमन ग्रास और मेंथा की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों को नई आय स्रोत मिल जाएंगी। इस कार्यक्रम के तहत, विभिन्न खेतों में पानी की निकासी के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी, ताकि भूमि के प्रबंधन में सुधार हो सके। चौथे कृषि रोड मैप के माध्यम से, खेती क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के अनुसरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है और किसानों को नवाचारिक तरीकों से खेती करने के लिए सामग्री और विधानों की पहुंच प्रदान की जा रही है। इससे कृषि सेक्टर में उन्नति होने की उम्मीद है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आने की आशा है।

 

सात वर्ष बाद आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी मुर्मू 

 

सीयूएसबी के पीआरओ मो मुदस्सीर आलम ने इस संबंध में बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (विश्वविद्यालय की कुलाध्यक्ष) मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। भव्य समारोह का आयोजन सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह की देखरेख में किया जायेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि इससे पहले द्वितीय दीक्षांत समारोह 2016 में बीआइटी पटना स्थित अस्थायी परिसर (किराये के मकान) में आयोजित किया गया था। इसके बाद अब यह तीसरा दीक्षांत समारोह सात वर्ष के लंबे अंतराल के बाद आयोजित होने जा रहा है।

Related Articles