नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा स्थिति पर समीक्षा बैठक की। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को कार्रवाई की छूट दे दी है। माना जा रहा है कि अब सेना आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके लिए सेना ने तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि जल्द ही आतंकियों के अड्डों पर हमला होगा।
इस हाई-लेवल मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे।
बैठक में लिया गया सख्त एक्शन का संकल्प
करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया कि हमले के जिम्मेदार आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि “हम आतंकियों और उनके आकाओं को धरती के आखिरी कोने से भी खोजकर सजा देंगे।” यह इशारा पाकिस्तान की ओर माना जा रहा है, जो पहले भी भारत में आतंकवाद फैलाने के आरोप झेलता रहा है।
राजनाथ सिंह और CDS के बीच अहम चर्चा
इससे पहले सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री आवास पर उनसे मुलाकात की थी। उसी दिन CDS जनरल
अनिल चौहान ने राजनाथ सिंह को हमले के बाद उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
विपक्ष ने भी सरकार को दिया पूरा समर्थन
सरकार ने हमले के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें सभी विपक्षी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार की किसी भी कार्रवाई को समर्थन देने का वादा किया। यह एकता राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत है।
हमले के पीछे सीमा पार साजिश
कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में बताया गया कि पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुए हैं और क्षेत्र विकास की ओर बढ़ रहा है।
पाकिस्तान के खिलाफ पांच सख्त फैसले
CCS बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए थे:
- सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करना।
- अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करना।
- पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा सुविधा समाप्त करना।
- पाक उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को देश छोड़ने का आदेश देना।
- भारत में पाकिस्तानी गतिविधियों की कड़ी निगरानी शुरू करना।