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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान : आज Bastille Day परेड में होंगे शामिल, जानिए क्यों आयोजित होती है यह परेड, पीएम ने भारतीय समुदाय से क्या कहा

by Rakesh Pandey
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पेरिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे का आज शुक्रवार को दूसरा दिन है। इससे पहले पीएम मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मान किया गया। उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। वह आज फ्रांस के नेशनल डे पर आयोजित होने वाले बैस्टिल डे परेड में शामिल होंगे। 14 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस परेड का चीफ गेस्ट बनेगा। आमतौर पर फ्रांस इस परेड के लिए एक से ज्यादा विदेशी मेहमान को आमंत्रित करता है।

 

इस बार कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी इकलौते विदेशी मेहमान होंगे। इससे पहले वर्ष 2009 में तत्कालीन PM मनमोहन सिंह को फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने बतौर चीफ गेस्ट इनवाइट किया था। इस बैस्टिल डे परेड में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ ही इंडियन आर्म्ड फोर्सेज के 269 सदस्यों का एक दल भी शमिल हो रहा है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के 3 राफेल फाइटर जेट भी फ्रांस के लड़ाकू विमानों के साथ चैम्प एल्सीज के ऊपर फ्लाईपास्ट में शामिल होंगे।

 

पीएम मोदी फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दो दिन के दौरे पर हैं। इस दौरे के पहले दिन पेरिस के प्रेसिडेंट पैलेस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार देर रात पीएम मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। मोदी इस सम्मान को पाने वाले देश के पहले भारतीय पीएम हैं। वहीं पीएम मोदी ने इस दौरान ला सीन म्यूजिकल में भारतवंशियों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा, ‘फ्रांस आना ऐसा लगता है जैसे अपने घर आ गए। भारत के लोग जहां जाते हैं वहां मिनी इंडिया बना लेते हैं। इतनी बड़ी संख्या में भारतीयों के बीच खुद को यहां पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। पीएम ने कहा कि, ‘मैं संकल्प लेता हूं कि शरीर का हर कण, कण आपके लिए है। यह आप सभी का ही पावर है कि भारत विश्व में खास भूमिका निभा रहा है। हर चुनौती से निपटने में भारत का अनुभव और प्रयास दुनिया के लिए मददगार साबित हो रहा है। यह लगातार जारी रहेगा।

 

सबसे पहले जानिए क्या होता है बैस्टिल

बैस्टिल पेरिस में मध्य युग का एक किले का नाम था। यह पेरिस शहर के पूर्वी दरवाजे की रखवाली के काम आता था। बाद में इसे जेल के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। इसमें उन कैदियों को रखा जाता था, जिन्होंने राजद्रोह किया हो, या देश के शासक के खिलाफ आवाज उठाई हो। इन कैदियों को अपनी सजा के खिलाफ कहीं भी अपील करने का अधिकार नहीं था। फ्रांसीसी क्रांति यानी फ्रेंच रेवोल्यूशन के दौरान ये जेल कठोर शासन का प्रतीक बन गई थी।

 

जानिए इसे बैस्टिल डे क्यों कहते हैं

18वीं सदी के अंत में फ्रांस के आखिरी राजा लुइस XVI के शासन में बड़ा आर्थिक संकट आया था। 5 मई, 1789 को देश के स्टेट जनरल ने एक बैठक बुलाई। इसमें थर्ड स्टेट के लोग यानी आम जनता को शामिल नहीं किया गया। सरकार के इस फैसले से देश के नागरिक नाराज हो गए। राजा के खिलाफ विद्रोह कर दिया। 14 जुलाई, 1789 को क्रांति के वक्त बड़ी तादाद में फ्रांस की जनता बैस्टिल जेल के बाहर जमा हुई। लोगों ने जेल पर हमला बोल दिया। वहां मौजूद सात कैदियों को छुड़ा लिया। ये फ्रांसीसी क्रांति की काफी महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। इसे राजशाही शासन के अंत के तौर पर देखा जाता है। विद्रोह की इस घटना को ही बैस्टिल डे बताया गया।

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क्या है बैस्टिल डे परेड का इतिहास

14 जुलाई 1880 को पेरिस में पहली बार बैस्टिल डे पर परेड का आयोजन किया गया था। इसके बाद से हर साल फ्रांस में बैस्टिल डे परेड होती आ रही है। इसमें राष्ट्रपति समेत कई डिग्निटरीज मौजूद रहते हैं। 1880 के बाद से आज तक सिर्फ 2 बार ऐसा हुआ है जब बैस्टिल डे परेड का आयोजन नहीं हुआ। पहली बार 1940-1944 के दौरान वर्ल्ड वॉर 2 की वजह से ये परेड नहीं हुई थी। इसके बाद 2020 में कोरोना के चलते परेड कैंसिल कर दी गई थी।

 

परेड में भारतीय सेना का मार्चिंग दस्ता व बैंड भी होगा शामिल

इस परेड में भारतीय सेना के हिस्सेदारी की बात करें तो इसमें भारतीय सेना का 77 मार्चिंग दस्ता और बैंड के 38 जवान भी शामिल होंगे। कैप्टन अमन जगताप सेना की इस टुकड़ी का नेतृत्व करेंगे। भारतीय नौसैनिक दल को कमांडर व्रत बघेल लीड करेंगे। जबकि, फ्रांस में इंडियन एयरफोर्स के दस्ते का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंदु रेड्डी करेंगीं। इस दौरान भारतीय दल में मौजूद राजपूताना राइफल्स ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन भी बजाएगा।

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परेड के बाद पीएम के लिए आयोजित होगा डिनर

बैस्टिल डे परेड के बाद कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान जहां भारत और फ्रांस के बीच डेलिगेशन लेवल की वार्ता होगी। PM मोदी फ्रांस की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष येल ब्रॉन पिवेट से मिलेंगे। इसके बाद PM नरेंद्र मोदी भारत-फ्रांस के कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के भी मौजूद रहने की संभावना है। वहीं रात में डिनर होगा। जिसमें PM मोदी के लिए खास वेजिटेरियन मेन्यू तैयार किया गया है। मैक्रों मोदी को वर्ल्ड फेमस लूव्र म्यूजियम का भी टूर कराएंगे। विदित हो कि यहीं पर दुनिया की सबसे चर्चित और महंगी माने जाने वाली मोनालिसा पेंटिंग रखी गयी है। वहीं म्यूजियम की छत से PM मोदी और मैक्रों एफिल टावर के ऊपर होने वाली आतिशबाजी का आनंद लेंगे।

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