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सांसद के तौर पर प्रियंका गांधी ने ली शपथ, तीनों गांधी एक साथ पहुंचे पार्लियामेंट

लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका ने वायनाड की सीट पर सीपीआई के सत्यन मोकेरी को 4,10,000 वोटों से हराया। आज सांसद के तौर पर प्रियंका ने शपथ ग्रहण की। सदन में तीनों गांधी- राहुल, सोनिया व प्रियंका एक साथ मौजूद है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क। केरल के वायनाड से चुनी गई लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा आज से अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत कर रही है। आज सांसद के तौर पर प्रियंका ने शपथ ग्रहण की। अपने भाई के पदचिन्हों पर चलते हुए शपथ ग्रहण के दौरान प्रियंका ने अपने हाथों में संविधान पुस्तिका पकड़ी हुई थी। इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी शपथ ग्रहण के दौरान अपने हाथों में संविधान पकड़े हुए थे।

मां और भाई के साथ सदन पहुंची प्रियंका गांधी
इस खास मौके पर उनके साथ उनकी मां और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और उनके भाई राहुल गांधी भी मौजूद रहे। मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने अपनी खुशी जाहिर की। वायनाड की सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका भारी मतों से जीती थी। उन्होंने सीपीआई के सत्यन मोकेरी को 4,10,000 वोटों से हराया था। यह पहला मौका है, जब सदन में तीनों गांधी- राहुल, सोनिया व प्रियंका एक साथ मौजूद है। इस दौरान संसद की सीढ़ियों पर राहुल गांधी ने प्रियंका की तस्वीर भी ली।

राहुल ने बहन के लिए छोड़ी थी सीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी बहन के लिए वायनाड सीट छोड़ दी थी। चूंकि राहुल रायबरेली से सांसद है। अप्रैल, 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल द्वारा दो सीटें जीतने के बाद उन्होंने वायनाड की सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसी कारण वायनाड में उपचुनाव करानी पड़ी।

यह जीत आपकी जीत हैः प्रियंका गांधी
प्रियंका की जीत से पार्टी के कार्यकर्ता भी बेहद उत्साहित है। जीत के बाद प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं कृतज्ञता से अभिभूत हूं। मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि समय के साथ आप यह महसूस करें कि यह जीत आपकी जीत है। जिस व्यक्ति को आपने प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है, वह आपकी आशाओं और सपनों को समझती है और आपके लिए लड़ती है। आपमें से एक, मैं संसद में आपकी आवाज़ बनने के लिए उत्सुक हूं।

2019 में उत्तर प्रदेश से की थी शुरूआत
कांग्रेसी कार्यकर्ता लंबे समय से प्रियंका के राजनीति में आने की मांग कर रहे थे। साल 2019 में प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी कांग्रेस महासचिव घोषित किया गया था और फिर बाद में पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद भी साल 2022 में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में विफल रही। 2024 में उन्होंने लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में सबसे पुरानी पार्टी को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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