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बहराइच हिंसा : आरोपियों समेत 23 घरों को PWD का नोटिस, अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्रवाई जल्द

17 अक्तूबर को रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद इस घटना के मुख्य आरोपियों में से कुछ के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर आई थी। अब, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर पर भी पीडब्ल्यूडी ने नोटिस जारी किया है।

by Reeta Rai Sagar
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बहराइच : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हाल ही में हुई हिंसा के बाद योगी सरकार द्वारा फिर से बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने बहराइच में 23 घरों पर अवैध निर्माण का नोटिस चिपकाया है, जिसमें 20 घर मुस्लिम समुदाय के और 3 घर हिंदू समुदाय के हैं।

17 अक्तूबर को रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद इस घटना के मुख्य आरोपियों में से कुछ के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर आई थी। अब, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर पर भी पीडब्ल्यूडी ने नोटिस जारी किया है।

नोटिस में कहा गया है कि इन घरों का निर्माण अवैध है क्योंकि ये ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के केंद्रीय बिंदु से 60 फीट के भीतर बनाए गए हैं, जिसकी अनुमति नहीं है। इसलिए संबंधित घर मालिकों को सूचित किया गया है कि यदि यह निर्माण जिला मजिस्ट्रेट या संबंधित विभाग की अनुमति से किया गया है, तो उसकी मूल कॉपी तुरंत प्रस्तुत करें। अन्यथा, तीन दिनों के भीतर यह अवैध निर्माण स्वयं हटा लें, नहीं तो पुलिस और प्रशासन की सहायता से इसे हटाया जाएगा, और इस पर होने वाले खर्च की वसूली राजस्व विभाग द्वारा की जाएगी।

आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया

बहराइच हिंसा के आरोपियों को सुरक्षा कारणों से अपर जिला जज पूनम पाठक के आवास पर पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। आरोपियों को जज के आवास तक लाने के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
दो आरोपियों का एनकाउंटर
बहराइच हिंसा के दो मुख्य आरोपियों, सरफराज और फहीम का एनकाउंटर हो चुका है। दोनों की तलाश घटना के दिन से ही जारी थी। कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जो नेपाल भागने की फिराक में थे।

कैसे शुरू हुई हिंसा?

बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र में 17 अक्तूबर की शाम 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए जुलूस निकाला गया था। जब जुलूस महाराजगंज बाजार से एक विशेष समुदाय के मोहल्ले से गुजर रहा था, तभी दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। इसके बाद छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई। इसी दौरान रामगोपाल मिश्रा को एक छत से गोली मार दी गई, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी।

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