नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव और हालिया सीजफायर की पृष्ठभूमि में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि देश में जारी सुरक्षा हालात, पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका की मध्यस्थता से हुई सीजफायर की घोषणा जैसे अहम मुद्दों पर संसदीय चर्चा अनिवार्य है।

संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर राहुल गांधी का जोर
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को संबोधित अपने पत्र में लिखा है, “मैं विपक्ष के सर्वसम्मति से किए गए अनुरोध को दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए।” उन्होंने कहा कि यह विशेष सत्र देश की सुरक्षा, नीति निर्धारण और राष्ट्रीय एकजुटता की दिशा में सामूहिक सोच को प्रतिबिंबित करने का एक आवश्यक मंच हो सकता है।
सामूहिक चर्चा को बताया समय की आवश्यकता
राहुल गांधी ने चिट्ठी में आगे लिखा कि, “लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और आज के युद्ध विराम पर चर्चा करना बेहद जरूरी है, जिसकी घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने की थी।” उन्होंने कहा कि विशेष सत्र देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर सामूहिक संकल्प और एकता को दर्शाने का एक अवसर भी होगा।
विपक्ष लगातार कर रहा है विशेष सत्र की मांग
सीजफायर की घोषणा के बाद विपक्ष लगातार संसद के विशेष सत्र की मांग कर रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इसी विषय को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। विपक्ष का मत है कि सीमा पर जारी हालात और ड्रोन हमलों के बढ़ते मामलों पर संसद में विस्तृत चर्चा जरूरी है।
ड्रोन हमलों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता
हालांकि 10 मई की शाम भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा की गई थी, इसके बावजूद सीमा से सटे कई इलाकों में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले जारी हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। विपक्ष का कहना है कि ऐसी स्थितियों में संसद को विश्वास में लेना आवश्यक है और जनता के प्रतिनिधियों को भी अपना दृष्टिकोण रखने का अवसर मिलना चाहिए।