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दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में एम्स के मरीजों से मिलने पहुंचे राहुल गांधी, कहा- सरकार असंवेदनशील

इलाज के लिए महीनों से इंतजार, सरकार की असुविधा और असंवेदनशीलता- यही आज दिल्ली एम्स की हकीकत है।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : 16 जनवरी, गुरुवार की रात को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एम्स के आसपास सड़कों, फुटपाथों और सब-वे में डेरा डाल रखे मरीजों और उनके परिवारों से मुलाकात की और केंद्र एवं दिल्ली सरकार पर उनके प्रति ‘असंवेदनशील’ रवैया रखने का आरोप लगाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने एम्स में इलाज कराने आए आसपास की सड़कों और फुटपाथों पर रात गुजार रहे मरीजों और परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं और शिकायतों से संबंधित जानकारी ली।

राहुल ने इंस्टाग्राम पर लिखा

इस विजिट के बाद राहुल ने इंस्टाग्राम पर हिंदी में पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘बीमारी का बोझ, कड़ाके की ठंड और सरकारी असंवेदनशीलता- आज मैं एम्स के बाहर मरीजों और उनके परिवारों से मिला, जो इलाज की तलाश में दूर-दूर से आए हैं। इलाज के रास्ते में वे सड़कों, फुटपाथों और सबवे पर सोने को मजबूर हैं, बस ठंडी जमीन, भूख और असुविधाओं के बीच आशा की लौ जलाए हुए हैं’। उन्होंने कहा, ‘केंद्र और दिल्ली, दोनों सरकारें जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल रही हैं’।

मरीजों की प्रतिक्रिया

एम्स के एक मरीज गोविंद लाल ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे यहां मेरे रहने के बारे में पूछा। उन्होंने मेरी बेटियों के इलाज के बारे में भी पूछा। एक अन्य मरीज पवन कुमार ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे मेरा फोन नंबर मांगा और कहा कि उनकी टीम मुझसे संपर्क करेगी और यथासंभव मेरी मदद करेगी’। कुमार ने कहा, ‘मेरी बेटी 13 साल की है और ब्लड कैंसर की मरीज है। हम यहां तीन दिसंबर को पहुंचे और तब से यहां उचित इलाज नहीं हो रहा है’। 13 वर्षीय मरीज की मां आशा देवी ने कहा, ‘राहुल गांधी ने मेरी बेटी के इलाज के लिए नकद सहायता देने का वादा किया’।

कांग्रेस ने भी दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, ‘इलाज के लिए महीनों से इंतजार, सरकार की असुविधा और असंवेदनशीलता- यही आज दिल्ली एम्स की हकीकत है। स्थिति यह है कि जो लोग दूरदराज के स्थानों से अपनों की बीमारी का बोझ उठाकर आए हैं, वे इस ठंड में फुटपाथ और सब-वे पर सोने को मजबूर हैं’।

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