Home » पीएम मोदी के लिए कैथल निवासी रामपाल कश्यप 14 वर्षों से घूम रहे थे बिना जूतों के, मिला उनके संकल्प का फल

पीएम मोदी के लिए कैथल निवासी रामपाल कश्यप 14 वर्षों से घूम रहे थे बिना जूतों के, मिला उनके संकल्प का फल

पेशे से मजदूर रामपाल को एक विशेष कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री ने उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए और दोबारा ऐसा नहीं करने की सलाह दी।

by Reeta Rai Sagar
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

सेंट्रल डेस्क: हरियाणा के कैथल जिले से जुड़े रामपाल कश्यप की कहानी भी काफी रोचक है। रामपाल ने 14 साल पहले यह संकल्प लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बनते और वे उनसे मुलाकात नहीं कर लेते, तब तक वह नंगे पांव रहेंगे। चप्पल या जूते नहीं पहनेंगे। आखिरकार 14 साल बाद उनका यह इंतजार खत्म हुआ। यमुनानगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भावुक क्षण सामने आए, जब पीएम मोदी ने उन्हें खुद अपने हाथों से जूते पहनाए।

यमुनानगर की जनसभा में हुआ भावनात्मक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुनानगर की एक जनसभा के दौरान रामपाल कश्यप से मुलाकात की। रामपाल, जो पेशे से एक मजदूर हैं, को एक विशेष कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने बताया, “मुझे कॉल आया कि पीएम मोदी के कार्यक्रम में आना है। प्रधानमंत्री ने मुझे जूते पहनाए, मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं मजदूरी करता हूं।”

पीएम मोदी ने की दोबारा ऐसा संकल्प न लेने की अपील
प्रधानमंत्री ने रामपाल कश्यप से बातचीत के दौरान कहा, “आज हम तुमको जूता पहना रहे हैं, पर बाद में ऐसा कुछ मत करना, कभी नहीं। तुम काम करो, अपने आप को तकलीफ क्यों दी?” यह वाक्य न केवल मानवीय संवेदनाओं को उजागर करता है, बल्कि एक नेता की ज़मीन से जुड़े होने की झलक भी देता है।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी ने साझा की भावनाएं
पीएम मोदी ने रामपाल कश्यप से हुई इस भेंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “आज यमुनानगर की जनसभा में रामपाल कश्यप जी से भेंट हुई। उन्होंने 14 साल पहले यह संकल्प लिया था कि जब तक मैं प्रधानमंत्री नहीं बनता और उनसे नहीं मिलता, तब तक वे चप्पल नहीं पहनेंगे। मैं रामपाल जी जैसे लोगों के स्नेह से अभिभूत हूं। लेकिन मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि इस प्रकार की प्रतिज्ञा न करें। आप सबका प्रेम मेरे लिए अमूल्य है, परंतु कृपया ऐसे संकल्पों की बजाय समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण से जुड़ी पहल करें।”

Related Articles