रामगढ़ : गरीबों को छत देने के उद्देश्य से बनाई गई झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी अबुआ आवास योजना के तहत रिश्वत लेकर लाभ पहुंचाने का मामला प्रकाश में आया है। रामगढ़ के मांडू प्रखंड स्थित बड़का चुंबा पंचायत से उपायुक्त (DC) चंदन कुमार को इस संबंध में शिकायत मिली थी। उसके बाद उपायुक्त ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए। जांच में तीन लाभुकों द्वारा रिश्वत लेकर योजना का लाभ लेने की पुष्टि हुई है। डीसी ने तीनों लाभुकों से राशि वसूलने के निर्देश दिए हैं।
रिश्वत लेकर लाभ वितरण
बड़का चुंबा पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना और इंदिरा आवास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले लोगों को अबुआ आवास योजना के तहत पुनः लाभ दिया गया। इस मामले में डीसी चंदन कुमार ने तत्काल जांच के आदेश दिए। डिप्टी डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर (DDC) रोबिन टोप्पो ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) मांडू को पत्र लिखकर स्थल जांच कराई गई। जांच में पंचायत सचिव, मुखिया और लाभुक की मिलीभगत स्पष्ट हो गई। जांच में यह भी स्पष्ट हो गया कि मोटी रकम लेकर लाभ वितरण किया गया है। इस वजह से वास्तविक लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल सका।
लाभुकों की पहचान व राशि का भुगतान
डीडीसी रोबिन टोप्पो ने तीन लाभुकों की पहचान की और उनके भुगतान के विवरण साझा किए। उन्होंने बताया कि फलकी देवी (पति : दुखन प्रजापति, ID: 1972092) ने पूर्व में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्राप्त किया था। बावजूद उन्हें अबुआ आवास योजना के तहत तीन किस्तों में 1 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान किया गया। संगीता देवी (पति : जगरनाथ प्रजापति, ID: 2120977) ने भी पूर्व में लाभ प्राप्त किया था। उन्हें अबुआ आवास योजना के तहत दो किस्त में 80 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। इसी तरह वागेश्वरी देवी (पति : भोला करमाली, ID: 2123159)
ने पूर्व में इंदिरा आवास योजना के तहत लाभ लिया था। उन्हें भी अबुआ आवास योजना के तहत दो किस्त में 80 हजार रुपये का भुगतान किया गया है।
डीसी ने दिया कार्रवाई का आदेश
उपायुक्त (DC) चंदन कुमार ने प्रखंड विकास पदाधिकारी मांडू को बड़का चुंबा पंचायत के पंचायत सचिव और मुखिया से स्पष्टीकरण मांगने तथा दो दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही राशि वसूली के संबंध में उप विकास आयुक्त के निर्देश के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
आगे की कार्रवाई
प्रखंड विकास पदाधिकारी मांडू को तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने और राशि वसूली के लिए निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में पंचायत सचिव, मुखिया और लाभुकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना है।