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RANCHI NEWS: बाबूलाल ने सरकार पर साधा निशाना, शराब घोटाले की जांच और गिरफ्तारी आंख में धूल झोंकने का प्रयास

by Vivek Sharma
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RANCHI: झारखंड के चर्चित शराब घोटाले में आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को जमानत मिलने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराब घोटाले की जांच और गिरफ्तारी आंख में धूल झोंकने का प्रयास था, ये आशंका धीरे-धीरे सही साबित हो रही है।

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि शराब नीति की खामियों और संभावित घोटालों के प्रति सचेत करने के लिए आपको (मुख्यमंत्री सोरेन) पहले भी कई पत्र प्रेषित किए गए थे। आपने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे स्पष्ट है कि घोटाला हुआ नहीं बल्कि साजिशन करवाया गया। 

पहले भी लिखा था पत्र

उन्होंने आगे लिखा कि पहले प्रेषित पत्र और आग्रहों को अपने अनसुना कर दिया। मैं जानता हूं कि आप मेरे आग्रह को फिर से अनसुना कर देंगे बावजूद इसके मैं पुनः सूचित कर रहा हूं कि कुछ बड़े अधिकारियों ने बड़ा डील कर जानबूझ कर चार्जशीट समय पर दाखिल नहीं की। उन्हें मालूम था कि चार्जशीट दायर नहीं होने पर जमानत मिल जायेगी।

माफिया को जेल से निकालने का खेल

बाबूलाल ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि मिल रही जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सिंडिकेट से जुड़े बड़े माफियाओं को जेल से बाहर निकालने के लिए पूरा खेल किया गया। ये डील भी बहुत बड़ा है। कहीं बाद में आपको इस बड़े डील की जांच न करानी पड़ जाए। इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक्स पर पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा था कि तकरीबन 1000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में हेमंत सोरेन के पूर्व सचिव के खिलाफ (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया। हेमंत सरकार ने अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का षड्यंत्र इसलिए रचा था, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके और सबूतों को मिटाया जा सके। 

उल्लेखनीय है कि शराब घोटाला मामले में विनय चौबे को अदालत ने जमानत दे दी है। एसीबी ने गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर भी चार्जशीट दाखिल नहीं की थी, जिसके बाद यह फैसला सुनाया गया। झारखंड का यह शराब घोटाला 2022 की शराब नीति से जुड़ा है जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।

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