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RANCHI CHHATH PUJA : उगते सूर्य को छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य, कृत्रिम घाटों पर लोगों ने की आराधना

by Vivek Sharma
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RANCHI : महापर्व छठ का मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ समापन हो गया। भगवान भास्कर की पूजा कर लोगों ने अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। वहीं इस वर्ष झारखंड की राजधानी रांची में एक चीज जो देखने को मिली, वह थे कृत्रिम घाट। लोगों ने घर से दूर घाटों पर जाने की बजाय कृत्रिम घाट बनाकर वही अर्घ्य दिया। हालांकि नगर निगम ने भी वार्डों में 6 दर्जन कृत्रिम तालाबों का निर्माण कराया था, जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। पारंपरिक घाटों के साथ-साथ लोगों ने अपने घरों की छत, आंगन और गली-मोहल्लों में प्लास्टिक शीट, टब और छोटे जलाशय बनाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इससे घाटों पर दबाव कम हुआ, बल्कि पूजा करने में लोगों को काफी सुविधा भी मिली।

लोगों ने बनाए सामूहिक घाट

शहर के इलाकों की बात करें तो लालपुर, बरियातू, हरमू, कोकर, धुर्वा, हटिया, इटकी रोड, अरगोड़ा और रातू रोड में मोहल्लेवासियों ने सामूहिक रूप से कृत्रिम घाट तैयार किए। यहां महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भगवान भास्कर शाम और फिर सुबह अर्घ्य अर्पित किया। पूजा समितियों ने भी गली-मोहल्लों में साफ-सफाई, रोशनी और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की थी। प्रशासन ने भी इस बार सुरक्षा बलों की तैनाती की थी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

विधि-विधान से की गई पूजा

महिलाओं और पुरुषों ने व्रत के दौरान नियमों का पालन करते हुए निर्जला उपवास रखा और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ पर्व का समापन हो गया। इस बार छठ में भक्ति, स्वच्छता और सामूहिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने मिलकर घाटों की सफाई की। सजावट और लाइट व्यवस्था में भागीदारी निभाई। वहीं नगर निगम और जिला प्रशासन ने भी कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। प्रमुख घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई थीं। इसके अलावा काफी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था, जिससे पर्व के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।

जिला प्रशासन ने किया आभार व्यक्त

महापर्व छठ को लेकर घाटों पर भारी भीड़ रही। जिला प्रशासन रांची द्वारा पर्व को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने के लिए व्यापक तैयारियां की गई थीं। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा महापर्व में पत्नी संग हटनिया तालाब छठ घाट पर संध्याकालीन एवं प्रातःकालीन अर्घ्य अर्पित किया गयाम उन्होंने समस्त जिलेवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगलकामना की। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व हमारी संस्कृति, अनुशासन और सामूहिक एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने सभी के सहयोग के लिए आभार जताया।

छठ घाटों पर व्यवस्था दुरुस्त

छठ महापर्व को लेकर जिला प्रशासन द्वारा घाटों पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए कई स्तरों पर व्यवस्था की गईं थी। छठ घाटों पर पर्याप्त मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की तैनाती की गई। महिला पुलिस बल की विशेष तैनाती व्रती महिलाओं की सुरक्षा हेतु की गई थी। इसके अलावा संवेदनशील घाटों पर ड्रोन कैमरा और CCTV निगरानी की व्यवस्था की गई। आपात स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम और रेस्क्यू टीम भी तैनाती की गई थी।

घाटों पर मेडिकल टीम थी तैनात

स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रत्येक प्रमुख घाट पर एंबुलेंस और मेडिकल टीम की तैनाती की गई थी।प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्टएड काउंटर बनाए गए थे। विशेष रूप से महिला और वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा सहायता केंद्र स्थापित किए गए थे। घाटों पर पर्याप्त लाइट सुनिश्चित की गई, ताकि शाम और सुबह अर्घ्य के समय श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। पेयजल की उपलब्धता के लिए अस्थायी टैंकर और पाइपलाइन कनेक्शन लगाए गए।बिजली विभाग और नगर निगम की टीमों ने लगातार निगरानी रखी, ताकि कोई तकनीकी बाधा न आए।

ट्रैफिक एवं पार्किंग की व्यवस्था

पर्व के दौरान सड़कों पर प्रभावी ट्रैफिक प्रबंधन योजना लागू की गई। वहीं प्रमुख मार्गों पर वन-वे ट्रैफिक सिस्टम और नो-पार्किंग जोन बनाए गए। श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए अस्थायी पार्किंग स्थल चिह्नित किए गए। ट्रैफिक पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की गई। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित कर सभी घाटों से निरंतर संपर्क बनाए रखा गया। इतना ही नहीं, उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक खुद विभिन्न घाटों का निरीक्षण करते रहे।

हर स्तर पर की गई निगरानी

प्रखंड और नगर स्तर पर मॉनिटरिंग टीम गठित की गई, जिसने सभी व्यवस्था पर निगरानी रखी। नगर निगम द्वारा सभी प्रमुख घाटों पर सफाई अभियान चलाया गया। घाटों की सीढ़ियों और आसपास के क्षेत्र में मलबा व कचरा हटाया गया। डस्टबिन और अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था की गई। घाटों पर चूना, ब्लीचिंग पाउडर और कीटनाशक का छिड़काव किया गया।

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