RANCHI: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रविवार को ट्रामा सेंटर रिम्स में आयोजित एनएमओ कांफ्रेंस झारखंड एनएमओकॉन कार्यक्रम में शामिल हुए। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड अपनी प्राकृतिक संपदा, समृद्ध जनजातीय संस्कृति और अपार संभावनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन इन संभावनाओं को साकार करने में चिकित्सा समुदाय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक मानवता की सेवा का प्रतीक माने जाते हैं। मरीज और उनके परिजन डॉक्टरों में आशा की किरण देखते हैं। इसी कारण चिकित्सक को ईश्वर का दूसरा रूप कहा गया है। उन्होंने कोविड-19 का उल्लेख करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक आपदा के समय हमारे चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों और शोधकर्ताओं ने मानवता की सेवा की।
बड़ी आबादी ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में
राज्यपाल ने कहा कि इस सम्मेलन का विषय “समान स्वास्थ्य सेवा के लिए नवाचार और सहयोग” हमारे समय की सबसे बड़ी आवश्यकता को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कई बार चुनौतियां भी हैं। एक बड़ी आबादी सुदूरवर्ती ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में निवास करती है। वहां तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें आत्मचिंतन करना होगा कि जब हमारे पास पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं हैं, तो लोग इलाज के लिए राज्य से बाहर क्यों जाते हैं? यदि उच्चस्तरीय उपचार यहीं हमारे राज्य में उपलब्ध हो तो लोग अपने राज्य में ही इलाज कराना पसंद करेंगे।
जनता को बाहर जाने की जरूरत न पड़ें
उन्होंने कहा कि जब समाचारों में पढ़ता हूं कि रिम्स जैसे हमारे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पातीं, तो बहुत दुःख होता है, इस स्थिति में सुधार लाने की आवश्यकता है। निजी अस्पतालों में भी उपचार व्यवस्था और अधिक प्रभावी व भरोसेमंद सुलभ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर प्रयास करना होगा कि झारखंड में उच्चस्तरीय अस्पताल और संस्थान स्थापित हों, ताकि यहां की जनता को राज्य से बाहर न जाना पड़े।
सीएमसी का विशिष्ट स्थान
राज्यपाल ने कहा कि सीएमसी वेल्लोर जैसे अस्पताल ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से न केवल चिकित्सा सेवा में विशिष्ट स्थान अर्जित किया है, बल्कि वहां की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान की है। हमारे राज्य से भी कई लोग वहां इलाज के लिए जाते हैं। झारखंड में भी इस प्रकार की संस्थाएं स्थापित हो सकती हैं, जो सेवा के साथ-साथ राज्य की समग्र प्रगति का आधार बनें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘आयुष्मान भारत योजना’ का शुभारंभ झारखंड की पावन भूमि से ही किया गया। इस योजना के लाभुकों को निजी अस्पतालों से भी कैशलेस स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले हर व्यक्ति तक हेल्थ कार्ड पहुंचाए जाने चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति बेहतर इलाज से वंचित न रहे।