Ranchi (Jharkhand) : झारखंड की राजधानी रांची में एक ‘पेट्रोल कांड’ के सिलसिले में भैरव सिंह (Bhairav Singh) की गिरफ्तारी को लेकर परिवार सहित विभिन्न हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। संगठनों ने भैरव सिंह की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे ‘सनातन धर्म पर प्रहार’ करार दिया है। गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में हिंदू संगठनों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की और पूरे मामले की सीबीआई जांच (CBI Investigation) की अपील की।
गिरफ्तारी पर सवाल: ‘धर्म की लड़ाई लड़ने वाले को जेल क्यों?’
भैरव सिंह की माता रानी सिंह (Rani Singh) ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि भैरव सिंह हमेशा समाज और धर्म के लिए लड़ते आए हैं और लोगों की मदद करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज के लिए लड़ने वाले व्यक्ति को जेल भेजा गया है।
वहीं, भैरव सिंह के अधिवक्ता कृति नारायण सिंह (Kriti Narayan Singh) ने 25 मई और 31 मई को चुटिया थाना में दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक इस मामले में कोई निष्पक्ष जांच नहीं की गई है। उन्होंने पुलिस से मोबाइल खंगालने की बजाय सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच करने की मांग की।
विश्व हिंदू परिषद के कैलाश सिंह (Kailash Singh) ने भैरव सिंह की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए कहा कि धर्म की रक्षा के लिए देश में इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि आज देश में धर्म की लड़ाई लड़ने वालों को ही जेल में डाला जा रहा है।
थाना प्रभारी को धन्यवाद देने गए थे भैरव सिंह, तभी हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि भैरव सिंह को 17 जुलाई को पंडरा थाना क्षेत्र से उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वे थाने जाकर थाना प्रभारी को धन्यवाद देने गए थे। इस घटना पर बजरंग दल के संयोजक विक्रम साहू (Vikram Sahu) ने भैरव सिंह को ‘सनातनी योद्धा’ बताया। उन्होंने गिरफ्तारी को ‘बिना जांच के जेल भेजना लोकतंत्र के खिलाफ’ करार दिया। विक्रम साहू ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही भैरव सिंह को रिहा नहीं किया गया, तो पूरे रांची में ‘रांची बंद’ बुलाया जाएगा।
इस प्रेस वार्ता में स्वामी दिव्यानंद, रानी सिंह सहित कई समर्थक और संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिन्होंने भैरव सिंह की रिहाई के लिए एकजुटता प्रदर्शित की। यह मामला अब रांची में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है, जिसमें हिंदू संगठन पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं और न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।