RANCHI: रांची में पुलिस ने एक बड़े आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए सुजीत सिन्हा गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह कोयलांचल शांति सेना के नाम पर काम कर रहा था और इस पर पाकिस्तान से फंडिंग, अवैध हथियारों की डीलिंग और व्यापारियों को धमकाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। बता दें कि कुख्यात अपराधी प्रिंस खान और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के गिरोह एक साथ मिलकर झारखंड में अपराध की दुनिया में काम कर रहे हैं। इस मामले में कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा सहित पांच कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वहीं उनके पास से हथियार भी बरामद किया गया है।
दो गैंगस्टर ने मिलाया हाथ
पुलिस के अनुसार जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और विदेश से अपने गिरोह को संचालित कर रहे अपराधी प्रिंस खान ने एक दूसरे से हाथ मिला लिया है। वहीं जेल के बाहर सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा इस खतरनाक गठजोड़ वाले गैंग को संभाल रही थी। राजधानी रांची में हाल के दिनों में जो भी रंगदारी के कॉल प्रिंस खान के नाम पर किए गए थे वह इस गठजोड़ का ही परिणाम था। यहां तक कि कोयलांचल शांति सेना को भी रिया सिन्हा के द्वारा संचालित किया जा रहा था। एसएसपी राकेश रंजन और उनकी टीम ने यह खुलासा किया है।
हथियारों की होती थी तस्करी
गिरफ्तार अपराधियों में इनामुल हक उर्फ बबलू खान, रवि आनंद उर्फ सिंघा, मो शाहिद उर्फ अफरीदी खान, मो सेराज उर्फ मदन और सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा शामिल हैं। इनके पास से तीन पिस्टल, सात मैगजीन, 13 जिंदा गोली, एक टाटा सफारी कार, एक आईफोन और पांच एंड्रायड मोबाईल फोन बरामद किए गए हैं।
ड्रोन से मंगाए जाते थे हथियार
पुलिस के अनुसार यह गिरोह पंजाब के रास्ते पाकिस्तान से हथियारों की खरीद बिक्री करता था। सुजीत सिन्हा तथा प्रिंस खान के द्वारा हथियार व गोली को पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से मोगा (पंजाब) के रास्ते मंगाया जाता है। इनामुल हक उर्फ बबलू खान अपने गुर्गों के साथ मिलकर सुजीत सिन्हा व प्रिंस खान के लिए लेवी करते हैं। इनलोगों के द्वारा वसूली गयी राशि को सुजीत सिन्हा के गुर्गों की मदद से प्रिंस खान तक पहुंचाया जाता है। जिसे प्रिंस खान द्वारा यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेजा जाता है। जिसका उपयोग अवैध हथियार की खरीदारी व अन्य अवैध कार्य में पाकिस्तान में उनके गुर्गों के द्वारा किया जाता है।
मेड इन पाकिस्तान पिस्टल
छापेमारी के दौरान पुलिस ने पाकिस्तान निर्मित तीन पिस्टल बरामद की हैं। इसके अलावा डिजिटल सबूत भी मिले हैं। जिनमें धमकी भरे वीडियो, हथियार डिलीवरी के रिकॉर्ड और गिरोह के सदस्यों के आपसी संवाद शामिल हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह महिलाओं और युवतियों के माध्यम से हथियारों की डिलीवरी करवाता था।


