सेंट्रल डेस्क : दिल्ली और मेरठ में रहने वाले लोग हो जाएं तैयार रैपिड रेल की सुगम व रोमांचक यात्रा के लिए। दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड मेट्रो की शुरुआत इसी महीने में होने वाली है। इसका उद्घाटन जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाजियाबाद से करेंगे। इसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, और उम्मीद है कि उद्घाटन 16 से 18 अक्टूबर के बीच हो सकता है। एक अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इसका उद्घाटन नवरात्रि के दौरान होगा।
कम समय में तय होगी दोनों शहरों के बीच की दूरी
रैपिड रेल के शुरू होने से दिल्ली से मेरठ के बीच की यात्रा का समय कम हो जाएगा। वर्तमान में, सड़क से यह यात्रा करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं। रैपिड रेल से यह यात्रा 50 मिनट में पूरी हो जाएगी। एनसीआरटीसी का लक्ष्य 2025 तक 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को जनता के लिए चालू करना है। हालांकि, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो सहित 17 किलोमीटर के प्राथमिकता वाले खंड को कुछ हफ्तों में चालू कर दिया जाएगा।
तैयारियां पूरी, जल्द होगा उद्घाटन
दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल परियोजना के उद्घाटन के लिए गाजियाबाद में तैयारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इस संदर्भ में, सोमवार को पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र और डीएम राकेश कुमार सिंह ने रैपिड एक्सप्रेस परियोजना के सभी स्टेशनों की तैयारियों की समीक्षा की, जिनमें पूरी तरह के काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही, वसुंधरा सेक्टर 8 के मैदान में सोमवार को सफाई का काम भी प्रारंभ किया गया। सूचना मिल रही है कि इसी मैदान में प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन समारोह के बाद एक जनसभा भी आयोजित करेंगे, और इस के लिए मैदान पर मंच तैयार किया जा रहा है। हालांकि इस बारे में अभी तक किसी भी आधिकारिक बयान नहीं आया है और लोग पीएमओ से लिखित प्रोग्राम आने का इंतजार कर रहे हैं।
अब सुगम यात्रा और समय की बचत भी
दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली यह रैपिड रेल गाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक चलेगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और मेरठ के बीच की यातायात को अधिक सुगम और तेज करने का है। यह दिल्ली मेरठ कॉरिडोर का पहला सेक्शन है जिसकी लंबाई 17 किलोमीटर है। इस रैपिड रेल के एक अहम विशेषता है उसकी गति, जो 160 से 180 किमी प्रति घंटे होगी, जिससे यात्री तेजी से अपने डेस्टिनेशन तक पहुँच सकेंगे। इसका मतलब है कि दिल्ली से मेरठ तक की यात्रा अब होगी सुगम और समय-कुशल होगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ लेंगे तैयारियों का जायजा
उद्घाटन से पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पूरी तैयारियों को परखने वाले हैं। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद पहुंच सकते हैं और तैयारी का जायजा ले सकते हैं। उससे पहले सोमवार (9 अक्टूबर) को गाजियाबाद के डीएम और पुलिस कमिश्नर ने तैयारी का जायजा लिया और समीक्षा की। अधिकारियों ने स्टेशन में टिकट काउंटर, चेकिंग प्वाइंट, सामान जांचने की एक्सरे मशीन देखने के बाद पीएम मोदी के आने-जाने का रास्ता देखा।
पहली बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को मिलेगी यह सुविधा
NCRTC निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा, “हम बहुत जल्द एक परिवर्तनकारी ट्रांजिट प्रोजेक्ट के बहुत करीब हैं। आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) परियोजना का 17 किलोमीटर का प्राथमिकता वाला खंड कुछ ही हफ्तों में चालू हो जाएगा।” विनय कुमार सिंह के अनुसार, पहली बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तेज गति से चलने वाली इंटर-सिटी कम्यूटर्स ट्रेनें चलाई जाएगी।
रैपिड रेल से क्या होगा बदलाव?
रैपिड रेल के शुरू होने से दिल्ली-मेरठ क्षेत्र में यातायात में भी सुधार होगा। रैपिड रेल के चलते सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। यह यात्रियों को तेज, कुशल और सुरक्षित यात्रा प्रदान करेगी। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर की शुरुआत से लोगों को जाम से तो मुक्ति मिलेगी ही, साथ ही वे बिना किसी परेशानी के दिल्ली-मेरठ के बीच सफर कर पाएंगे। यह परियोजना लोगों को दिल्ली के जाम और प्रदूषण से मुक्ति प्रदान करेगा। साथ ही डीएमआरसी (DMRC) और नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) के मेट्रो नेटवर्क से भी जुड़ा जाएगा, जिससे व्यापक रूप से सार्वजनिक परिवहन के साथ दिल्ली, गाजियाबाद, और मेरठ के बीच यातायात को सुगम बनाया जाएगा।
तीन चरणों में होगा काम पूरा, 160 किमी प्रतिघंटे की हुई टेस्टिंग
मेरठ रीजनल रैपिड रेल (रैपिड एक्स) कॉरिडोर एक सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर है। ये दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा। दिल्ली–मेरठ कॉरिडोर का पहला सेक्शन गाजियाबाद में साहिबाबाद स्टेशन से दुहाई डिपो तक है। पहले सेक्शन की लंबाई 17 किलोमीटर है। इसके बीच में कुल 5 स्टेशन हैं, जो पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। यहां रैपिड रेल को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाकर उसकी हर लेवल की टेस्टिंग की जा चुकी है। दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक 25 स्टेशन हैं। पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा। मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में कार्य होगा, तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच कार्य पूरा होगा। रैपिड रेल में यह सफर महज 55 मिनट में पूरा हो जाएगा।
मेट्रो और बुलेट ट्रेन से अलग है रैपिड रेल
बुलेट ट्रेनें आमतौर पर लंबी दूरी की यात्रा के लिए होती हैं, जबकि रैपिड रेलें आमतौर पर कम दूरी की यात्रा के लिए होती हैं। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है, जबकि बुलेट ट्रेनें आमतौर पर 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती हैं। वहीं मेट्रो एक मास रैपिड ट्रांजिट (MRT) सिस्टम है। यह दिल्ली और इसके आसपास के शहरों गाजियाबाद, गुड़गांव, नोएडा और कुछ जगहों पर सर्विस प्रदान करता है। बात करें टिकट की तो रेलवे स्टेशनों में टिकट ऑनलाइन या काउंटर पर खरीदे जाते हैं तो वहीं मेट्रो स्टेशनों में स्मार्ट कार्ड, क्यूआर कोड वाले टिकट या टोकन का उपयोग कर यात्रा की जाती है। वहीं आरआरटीएस में क्यूआर कोड-आधारित डिजिटल और पेपर टिकटिंग सुविधाएं मिलेंगी। स्टेशनों में ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी होंगे