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South Korean President : 12 मंत्रियों का इस्तीफा और अब अपनी कुर्सी पर खतरा… मार्शल लॉ लगाकर बुरे फंसे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : दक्षिण कोरिया में इन दिनों राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है। इसके कारण राष्ट्रपति यून सुक योल की स्थिति बेहद संकट में आ गई है। राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा और फिर उस फैसले से मुकरने के बाद से उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया है। विपक्षी दल ही नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी के कई सदस्यों ने भी इस कदम का विरोध किया है। इस विरोध के परिणामस्वरूप, राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की मांग जोर पकड़ रही है, जिससे उनके कार्यकाल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

मार्शल लॉ के खिलाफ विरोध

राष्ट्रपति यून सुक योल ने हाल ही में एक ऐलान किया था जिसमें उन्होंने देश में मार्शल लॉ लागू करने की बात की थी। हालांकि, बाद में इस फैसले से उन्होंने यूटर्न ले लिया, जिससे राजनीतिक संकट और भी गहरा गया। मार्शल लॉ की घोषणा और फिर उस पर पलटने के कारण राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस फैसले के विरोध में न केवल विपक्षी दल, बल्कि उनकी अपनी पार्टी के कुछ बड़े नेता भी सामने आ गए हैं। पीपुल पावर पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता हान डोंग हून ने इस फैसले को गलत बताया और इसके खिलाफ अपना विरोध जताया। इसके अलावा, राष्ट्रपति के कई शीर्ष सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया है, जिनमें राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ भी शामिल हैं।

कैबिनेट के इस्तीफे और पार्टी में असंतोष

राष्ट्रपति के कई मंत्रियों और नेताओं ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। खबरों के अनुसार, कैबिनेट के 12 मंत्री अपनी-अपनी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। इन इस्तीफों के बाद राष्ट्रपति की सरकार की स्थिति और भी कमजोर हुई है, और कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। यह इस्तीफे और पार्टी में बढ़ता असंतोष राष्ट्रपति के लिए एक बड़ा संकेत हैं कि उनके नेतृत्व के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है।

महाभियोग की प्रक्रिया

सांसदों की बढ़ती असहमति और इस्तीफों के बाद अब राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यदि नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से अधिक सांसद महाभियोग के पक्ष में मतदान करते हैं, तो राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसके बाद, प्रस्ताव को संवैधानिक कोर्ट में भेजा जाएगा, जहां नौ जजों में से कम से कम छह जजों की मंजूरी की आवश्यकता होगी। अगर यह मंजूरी मिल जाती है, तो राष्ट्रपति को अपने पद पर रहते हुए कोई भी कार्यवाही करने से रोका जा सकता है और प्रधानमंत्री को अंतरिम कार्यवाहक के रूप में कामकाज सौंपा जाएगा। इसके बाद 60 दिनों के भीतर चुनाव कराए जाएंगे, जिनमें जनता अपने अगले नेता का चयन करेगी।

विरोध प्रदर्शन और अमेरिकी प्रतिक्रिया

दक्षिण कोरिया के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में लोग राष्ट्रपति से तत्काल इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। इस राजनीतिक संकट के बीच, अमेरिका ने भी अपनी चिंता जाहिर की है। दक्षिण कोरिया में लगभग 30,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, और अमेरिका ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह किसी भी स्थिति में मार्शल लॉ का समर्थन नहीं करेगा। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि वे इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखे हुए हैं और किसी भी तरह की राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ हैं।

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ बढ़ती असहमति और विरोध के संकेत यह बताते हैं कि उनका राजनीतिक भविष्य अब संकट में है। मार्शल लॉ की घोषणा और फिर उस पर यूटर्न ने उनकी सरकार के खिलाफ असंतोष को और बढ़ा दिया है। इस्तीफों, विपक्षी दबाव, और महाभियोग की संभावना के बीच राष्ट्रपति को अपनी कुर्सी बचाने के लिए कई कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति यून सुक योल इस राजनीतिक तूफान से कैसे उबरते हैं।

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