RANCHI: रिम्स की अव्यवस्थाओं को लेकर दाखिल पीआईएल मामले में हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। जिसमें संस्थान में फैली अव्यवस्थाओं और प्रशासनिक लापरवाही को पर हाईकोर्ट ने सख्ती की। वहीं रिटायर्ड जज- की निगरानी में जीबी की बैठक कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि वह केवल कानूनी प्रावधानों पर नहीं, बल्कि रिम्स की वास्तविक स्थिति पर भी विचार करेगा। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने एफिडेविट दाखिल कर बताया कि रिम्स निदेशक के पास सभी प्रशासनिक शक्तियां होती हैं और वे संस्थान के संचालन के लिए उत्तरदायी हैं। कोर्ट ने कहा कि हॉस्पिटल की स्थिति को कैसे सुधारा जा सकता है।
निरीक्षण की रिपोर्ट दें सभी सदस्यों को
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि रिम्स की समस्याओं की बड़ी वजह गवर्निंग बॉडी की नियमित बैठक नहीं होना है। कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए 8 से 14 सितंबर के बीच जीबी की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि यह बैठक एक रिटायर्ड जज की निगरानी में हो, जो बतौर ऑब्जर्वर पूरे प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। इसके अलावा कोर्ट ने 13 अगस्त को रिम्स निरीक्षण की रिपोर्ट और उससे संबंधित तस्वीरें सभी जीबी सदस्यों के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया है, ताकि वे जमीनी हालात को ठीक से समझ सकें।
हॉस्पिटल की आडिट रिपोर्ट भी मांगी
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि क्या हॉस्पिटल का आडिट होता है। इसपर एजी ने बताया कि इसका आडिट होता है। कोर्ट ने आडिट की रिपोर्ट भी अगली सुनवाई में देने को कहा। कोर्ट ने रिम्स निदेशक को आदेश दिया कि वे संस्थान में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही नियुक्तियों और मेडिकल इक्विपमेंट्स की कमी के बारे में विस्तृत जानकारी ऑब्जर्वर के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है। जिससे कि हॉस्पिटल की व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी।