लखनऊ : उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने टीम इंडिया के उभरते सितारे रिंकू सिंह (Rinku Singh) को राज्य स्तरीय चुनाव आइकॉन पद से हटा दिया है। आयोग का यह निर्णय रूटीन प्रक्रिया के तहत लिया गया है, लेकिन इसके पीछे की अहम वजह रिंकू सिंह की सपा सांसद प्रिया सरोज से हालिया सगाई को माना जा रहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चुनाव आइकॉन के लिए यह अनिवार्य शर्त होती है कि वह किसी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो, और भविष्य में उसके चुनाव लड़ने की कोई संभावना न हो।
पिछले वर्ष प्रदेश स्तरीय आइकॉन बनाए गए थे रिंकू
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने शुक्रवार को जानकारी दी कि रिंकू सिंह को पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश का प्रदेश स्तरीय आइकॉन बनाया गया था। इस जिम्मेदारी के लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया था, बल्कि केवल उनकी सहमति के आधार पर यह भूमिका सौंपी गई थी।
चुनाव आयोग ने अब रिंकू सिंह की सगाई के बाद बनी नई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। रिंकू सिंह को भी इस स्थिति से अवगत कराते हुए उनसे सहमति ली गई है कि वे अब चुनाव आयोग के साथ इस भूमिका में नहीं रहेंगे।
Rinku Singh : तस्वीरों और प्रचार सामग्री को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश
इसके साथ ही, आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि रिंकू सिंह की तस्वीरों और प्रचार सामग्री को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। यह कदम चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने यह भी बताया कि प्रदेश के किसी भी प्रचार अभियान में शामिल व्यक्तियों के राजनीतिक संबंधों की जांच समय-समय पर की जाती है। यदि किसी व्यक्ति का राजनीतिक दलों से जुड़ाव पाया जाता है या निकट भविष्य में चुनाव लड़ने की संभावना होती है, तो उसे आइकॉन पद से हटा दिया जाता है।