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पथ संचलन के साथ RSS स्वयंसेवकों ने विजयादशमी का किया आयोजन

RSS ने 100 वर्ष की यात्रा को पूरा कर 101वें वर्ष में प्रवेश किया है।

by Rajesh Choubey
RSS Vijayadashami Path Procession
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घाटशिला : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने शुक्रवार को भव्य पथ संचलन सह विजयादशमी का आयोजन किया। जिसमें सैकड़ो की संख्या में गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। संचलन टाऊन हॉल से प्रारंभ होकर पूरे घाटशिला बाजार का भ्रमण करते हुए वापस टाऊन हॉल में आकर समाप्त हुआ।

पुष्प वर्षा कर पथ संचलन का किया स्वागत

संचलन मार्ग में मारवाड़ी महिला समिति, सूर्य मंदिर विकास परिषद जैसे अनेक सामाजिक संगठनों ने तथा नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर संचलन का स्वागत किया। संचलन के पश्चात स्थानीय टाऊन हॉल में विजयादशमी उत्सव मनाया गया।

दीप प्रज्वलित व शास्त्र पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ

कार्यक्रम में सर्वप्रथम मंचासीन अधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर तथा शास्त्र पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

RSS ने पूरे किए 100 वर्ष, 101 में किया प्रवेश

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में जमशेदपुर विभाग के प्रचार प्रमुख ने उपस्थित स्वयंसेवकों एवं नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी तथा तब से लेकर अब तक अनेक सेवा कार्य एवं व्यक्ति निर्माण का कार्य करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 100 वर्ष की यात्रा को पूरा किया है तथा 101वें वर्ष में प्रवेश किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का संभवत एकमात्र ऐसा संगठन है जिसने अपनी 100 वर्ष की यात्रा को बिना किसी टूट के तथा बिना किसी दाग के पूरा किया है।

संघ के ऊपर अब तक चार बार प्रतिबंध, हर बार साबित हुआ बेदाग

संघ में जुड़े हुए स्वयंसेवक भले ही सामान्य हो किंतु इन्हीं सामान्य स्वयंसेवकों ने पूरे विश्व में असामान्य कार्य करके अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। संघ के ऊपर एक बार अंग्रेज सरकार ने तथा तीन बार आजाद भारत की सरकार ने प्रतिबंध लगाया और इस प्रकार से संघ के ऊपर अब तक चार बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है जिसमें हर बार संघ बेदाग साबित हुआ है, किंतु प्रतिबंध लगाने के बाद भी संघ का काम रुकने की बजाय उल्टा और भी अधिक तेजी से बढ़ा। इस दौरान उन्होंने पंच परिवर्तन के ऊपर भी विशेष प्रकाश डाला जिसमें उन्होंने बताया कि संघ ने अपने शताब्दी वर्ष पूरे करने पर पंच परिवर्तन का समाज से आग्रह किया है जिसमें कुटुंब प्रबोधन, स्व के बोध का जागरण, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण तथा नागरिक कर्तव्य यह पांच ऐसे परिवर्तन है जिन्हें समाज ने अगर अपने व्यवहार में शामिल कर लिया तो निश्चित ही भारत, विश्व पटल पर अपनी एक मजबूत छाप छोड़ेगा।

प्रार्थना के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

अंत में प्रार्थना के पश्चात कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ। इस अवसर पर मंच पर मुख्य रूप से जिला सह संघचालक आनंद अग्रवाल, जिला प्रचारक कौशलेंद्र कुमार, जिला कार्यवाह मानिक बारीक तथा सैकड़ो की संख्या में गणवेश धारी स्वयंसेवक एवं समाज के नागरिक उपस्थित थे।

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