Isha Foundation Case: दूसरों को उपदेश देने वाले आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (सद्गुरू) के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ केस दर्ज की गई है। इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट (Madras High court) ने तमिलनाडु सरकार को उनसे जुड़े सभी आपराधिक मामलों का विवरण पेश करने को कहा है।
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी. शिवगण्नम की बेंच ने कहा कि चूंकि Isha Foundation के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है, इसलिए इस मुद्दे पर विचार किया जाना चाहिए। को र्ट ने कहा कि संस्था के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रतीत हो रहे है। इशलिए आरोपों के पीछे की सच्चाई को समझने औऱ जानने के लिए कुछ और विचार-विमर्श की जरुरत है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता संस्था के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का ब्योरा पेश करें, इसके बाद अतिरिक्त लोक अभियोजक भी उन सभी मामलों का विवरण एकत्रित करने के बाद अपना विचार रखेंगे।
दरअसल अदालत को सद्गुरु की कुछ बातों पर संदेह है। जैसे कि उन्होंने अपनी बेटी का विवाह क्यों किया। जब कि वो दुसरों को भौतिक जीवन त्यागने की सलाह देते है। बेंच ने कहा कि हम जानना चाहते है कि एक इंसान अफनी बेटी की शादी कर उसे अच्छा जीवन देता है और दुसरों की बेटियों को सिर मुंडवाने और एकांत जीवन जीने की सलाह क्यों दे रहा है।
किस याचिका पर सुनवाई
कोयंबटूर पीठ के रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने सद्गुरु पर यह आरोप लगाया है कि उनकी दोनों बेटियों का सद्गुरु ने ब्रेनवॉश किया है और उन्हें ईशा योगा सेंटर में रहने को मजबूर किया है। दोनों बेटियों की उम्र 42 और 39 साल है औऱ दोनों पढ़ी-लिखी है। कामराज ने कोर्ट में बताया कि उनकी बेटियों को परिवार से किसी भी प्रकार का संपर्क न रखने की हिदायत दी गई है।
उन्होंने अदालत में यौन उत्पीड़न व दुराचार के कई मामलों के बारे में भी बताया। बता दें कि कोर्ट में कार्रवाई के दौरान कामराज की बेटियां भी मौजूद थी और उन्होंने अपने बयान में कहा कि वे स्वेच्छा से सेंटर में रहती है। जजों ने उनसे अलग चेंबर में बात करने का निर्णय लिया है। अगली सुनवाई 4 अक्तूबर को होनी है।