नई दिल्ली : भारत की प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा की स्वास्थ्य स्थिति पिछले कुछ समय से चिंताजनक बनी हुई है। वह इन दिनों दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आईसीयू में भर्ती हैं। 72 वर्षीय शारदा सिन्हा की तबीयत में लगातार गिरावट आ रही है, खासकर उनके पति के निधन के बाद जो हाल ही में ब्रेन एम्बोलिज्म के कारण हुआ था। इस व्यक्तिगत त्रासदी ने उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर डाला है।
शारदा सिन्हा की स्वास्थ्य स्थिति चिंता का विषय है, लेकिन उनके बेटे की बातों से यह स्पष्ट होता है कि स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उनके प्रशंसकों और शुभचिंतकों से अपील है कि वे उनके लिए सकारात्मकता फैलाएं और प्रार्थना करें। शारदा सिन्हा ने भारतीय संगीत में जो योगदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता और इस कठिन समय में उनकी ताकत और साहस की जरूरत है।
हाल ही में मीडिया में आई खबरों के अनुसार उनकी हालत नाजुक बताई जा रही थी। लेकिन उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अफवाहों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मेरी मां वेंटिलेटर पर हैं, जो पूरी तरह गलत है। उनकी स्थिति गंभीर जरूर है लेकिन वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है।
स्वास्थ्य अपडेट
एम्स ने शारदा सिन्हा की स्वास्थ्य स्थिति पर आधिकारिक अपडेट भी जारी किया है। अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि वह मल्टीपल मायलोमा बीमारी से ग्रसित हैं, जो उन्हें 2018 से प्रभावित कर रही है। वर्तमान में उनकी स्थिति हार्मोनोडायनामिक रूप से थोड़ी स्थिर है, लेकिन उनकी निगरानी जारी है।
अंशुमन ने यह भी बताया कि उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां काफी सदमे में हैं, जिससे उनकी तबीयत और बिगड़ गई। इस कठिन समय में, परिवार ने सभी से अपील की है कि वे नेगेटिव बातें करने से बचें और शारदा सिन्हा के लिए प्रार्थना करें।
शारदा सिन्हा का योगदान
शारदा सिन्हा को केवल लोक संगीत की दुनिया में ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड में भी उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई हिट गाने गाए हैं, जिनमें सलमान खान की फिल्म “मैंने प्यार किया” का प्रसिद्ध गाना “कहे तोह से सजना” शामिल है। इसके अलावा, “तार बिजली से पतले हमारे पिया” जैसे गाने भी उनकी आवाज में सुनने को मिले हैं।
उन्हें 2018 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था, जो उनके संगीत करियर की ऊंचाई को दर्शाता है। उनकी गायकी ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी भारतीय संस्कृति को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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