सेंट्रल डेस्क : केंद्रीय बजट पेश होने के बाद पहले कारोबारी सत्र में शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। सोमवार सुबह सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही करीब 1-1 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे। जहां सेंसेक्स 477 अंकों की गिरावट के साथ 77,028.44 पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी 50 भी 192 अंक गिरकर 23,289.65 के स्तर पर आ गया। इस गिरावट की मुख्य वजहों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वार और केंद्रीय बजट से बाजार की निराशा बताई जा रही है।
डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वार, वैश्विक बाजार में कोहराम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी वादे के तहत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने मेक्सिको, कनाडा और चीन से आने वाले उत्पादों पर 25% और 10% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इस घोषणा के बाद वैश्विक स्तर पर टैरिफ वार की आशंका बढ़ गई है, इससे दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। भारत समेत दुनिया के तमाम देश इस फैसले के प्रभावों को लेकर सतर्क हैं। भारत पर इसका अप्रत्यक्ष असर पड़ने की संभावना है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत इस फैसले से सीधे तौर पर चिंतित नहीं है, लेकिन इस पर नजर बनाए हुए है।
एशियाई बाजार भी गिरावट की चपेट में
टैरिफ वार की आशंका के चलते सिर्फ भारतीय शेयर बाजार ही नहीं, एशियाई बाजार भी भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं। जापान के निक्केई इंडेक्स में 2.58% की गिरावट आई है, जबकि दक्षिण कोरिया का KOSPI 3% से अधिक गिर गया है। चीन और हांगकांग के बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है, हालांकि वहां गिरावट की दर अपेक्षाकृत कम है।
केंद्रीय बजट से बाजार की निराशा
शेयर बाजार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से बड़े सुधारों की उम्मीद थी। हालांकि, बजट में ऐसा कोई तात्कालिक कदम नहीं उठाया गया। इससे बाजार को तुरंत बूस्ट मिल सके। बजट में मिडिल क्लास के लिए 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया गया, जिससे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा। यह खपत को बढ़ाने में मदद करेगा और कंपनियों की बिक्री में इजाफा होगा। लेकिन इस प्रक्रिया में समय लगेगा। इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और डिजिटल क्षेत्र में बड़े सुधारों की उम्मीद थी, जो बाजार को जल्द राहत दे सकते थे। लेकिन इन क्षेत्रों में कोई खास घोषणा न होने से बाजार को बजट के बाद भी निराशा झेलनी पड़ी।
क्या, आगे और गिरावट की संभावना है
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। ट्रंप के टैरिफ वॉर का प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट होने में समय लगेगा। इसके अलावा, बजट की घोषणाओं का प्रभाव मिड और लॉन्ग टर्म में दिख सकता है।शेयर बाजार में गिरावट के लिए ट्रंप के टैरिफ वार और बजट के प्रति बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया दोनों जिम्मेदार हैं। जहां एक तरफ टैरिफ वॉर ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी है, वहीं बजट ने मार्केट को तात्कालिक राहत देने में असमर्थता दिखाई। शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति निवेशकों के लिए सतर्कता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने का संकेत देती है। आने वाले दिनों में टैरिफ वार और बजट के प्रभावों पर नजर रखना जरूरी होगा।
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