पुणे : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि ने रविवार को कहा कि राजनीतिक लड़ाई को ‘‘वोट जिहाद’’ का नाम देना बिल्कुल गलत है और हिंदू समाज को इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। स्वामी की यह टिप्पणी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ‘‘वोट जिहाद’’ पर हमले और उसे ‘‘धर्मयुद्ध’’ से जवाब देने के आह्वान के बीच आई।
‘वोट जिहाद’ की खुलेआम वकालत का विरोध
स्वामी गोविंददेव गिरि ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि पहले धार्मिक स्थलों से पर्चे बांटकर लोगों को वोट देने की दिशा में निर्देश दिए जाते थे, लेकिन अब यह मुद्दा सार्वजनिक रूप से उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक लड़ाई को ‘युद्ध’ कहना ठीक नहीं है, लेकिन अब खुलेआम ‘वोट जिहाद’ जैसे नारे दिए जा रहे हैं। ऐसे में हिंदू समाज को इसे बिना किसी संकोच के विरोध करना चाहिए।’’
स्वामी ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान एक नागरिक का न सिर्फ अधिकार है, बल्कि उसकी जिम्मेदारी भी है। इसलिए, किसी भी प्रकार की राजनीति के धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण के खिलाफ हिंदू समाज को जागरूक और एकजुट रहना चाहिए।
देवेंद्र फडणवीस का आह्वान: ‘वोट का धर्मयुद्ध’
इससे पहले, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘‘वोट जिहाद’’ का मुकाबला करने के लिए ‘‘वोट का धर्मयुद्ध’’ का आह्वान किया था। फडणवीस ने बीते दिनों भाजपा की महायुति सरकार के खिलाफ एक इस्लामिक विद्वान द्वारा ‘‘वोट जिहाद’’ की कथित अपील का वीडियो साझा किया था और इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि यह नारा लोकतांत्रिक और सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: राजनीतिक माहौल गरमाया
20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले यह मामला राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। पुणे में कुछ रैलियों के दौरान, फडणवीस ने यह वीडियो चलाया था जिसमें इस्लामिक विद्वान सज्जाद नोमानी द्वारा ‘‘वोट जिहाद’’ की बात की जा रही थी। यह बयान महाराष्ट्र में चुनावी माहौल को और अधिक गर्म कर रहा है, जहां भाजपा और विपक्षी दलों के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है।

 
														
 
	