सेंट्रल डेस्क। Delhi Police Detained Sonam Wangchuk: लद्दाख के क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर पर हिरासत में लिया है। उनके साथ 125 अन्य प्रदर्शनकारियों को भी दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। राजधानी दिल्ली में 6 अक्तूबर तक निषेधाज्ञा के तहत यह कार्रवाई की गई है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि वांगचुक के साथ लद्दाख से करीब 1000 लोग पैदल मार्च कर शहर की सीमा पर पहुंचे हैं। इन का मार्च 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर राजघाट पर खत्म होना था।
राहुल ने मोदी पर साधा निशाना कहा- “टूटेगा अहंकार”
वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद से ही प्रतिपक्ष की बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह नजरबंदी अस्वीकार्य है। राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा कि लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्ग नागरिकों को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में क्यों लिया गया है। मोदीजी! किसानों की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।
वांगचुक ने X पर लिखा- हम बापू की समाधि की ओर शांतिपूर्ण मार्च पर थे
हिरासत में लिए जाने के बाद सोनम वांगचुक के एक्स अकाउंट से पोस्ट किया है कि मुझे और मेरे 150 पदयात्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल ने हिरासत में ले लिया है। कुछ लोगों का कहना है कि हम 1000 की संख्या में है। 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग पुरूष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के दिग्गज…..हमारा भाग्य अज्ञात है। हम बापू की समाधि की ओर शांतिपूर्ण मार्च पर थे। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी…..हे राम।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने क्या कहा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लेने का फैसला दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा का है। 30 सितंबर को उन्होंने Prohibitory Order दिए थे। आदेशानुसार, बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 163 के तहत दिल्ली की किसी भी सीमा और नई दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली जिलों के आसपास पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने, धरना देने या तख्तियां दिखाने की अनुमति नहीं है।
जारी आदेश में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर चुनाव, हरियाणा चुनाव, दिल्ली नगर निगम चुनाव और गांधी जयंती के दौरान संभावित खतरे को देखते हुआ ऐसा निर्णय लिया गया है।
वांगचुक की मांगें
वांगचुक समेत अन्य प्रदर्शनकारियों का मार्च 1 सितंबर को शुरू हुआ था। केंद्र सरकार से इनकी 4 मांगें हैं-
- लद्दाख को राज्य का दर्जा मिले
- संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार
- लद्दाख के लिए लोकसेवा आयोग के साथ-साथ जल्दी भर्ती प्रक्रिया
- लेह व कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें