रांची: राज्य सहकारिता विकास समिति की बैठक सोमवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में केवल वही योजनाएं बनानी चाहिए, जो राज्य के हित में हों। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि राज्य के संसाधनों और जरूरतों के अनुसार ही सहकारिता विकास की योजनाओं को तय किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से सहकारिता बैंकों के विस्तार से जुड़ी योजनाओं पर विचार करते हुए कहा कि बैंकों को पहले अपनी स्थिति मजबूत करनी चाहिए, उसके बाद ही विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी विकास योजनाओं से बचना चाहिए जो बाद में राज्य पर आर्थिक बोझ डाल सकें।
सहकारिता समितियां होगी ऑनलाइन
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के चयनित 1500 लैम्पस-पैक्स में से 1270 समितियों का कंप्यूटरीकरण कर ऑनलाइन किया जा चुका है। शेष 230 समितियों को 31 मार्च 2025 तक कंप्यूटरीकृत कर ऑनलाइन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा शेष 2949 लैम्पस-पैक्स के कंप्यूटरीकरण के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जिन समितियों को ऑनलाइन किया गया है, उन्हें अब प्रज्ञा केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए इन समितियों को झारसेवा लॉगिन आइडी देने का निर्णय लिया गया है।
दूध खरीद के लिए समितियों का निबंधन
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राज्य के 724 धान अधिप्राप्ति केंद्रों से 25 जनवरी 2025 तक कुल 13,06,356.33 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। इस दौरान शेष 75 क्रय केंद्रों को कार्यशील बनाने और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 100 प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के निबंधन का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 65 समितियों का निबंधन किया जा चुका है जबकि 37 समितियों के निबंधन प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं।
मत्स्य उत्पादन में हुई वृद्धि
बैठक में बताया गया कि राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 3 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य था, जिसमें अब तक 2.57 लाख टन उत्पादन हो चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 2.80 लाख टन था। इसके अलावा अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रत्येक जिले में निर्मित और विकसित सरोवरों में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के गठन के लिए सहकारिता एवं मत्स्य प्रभाग में समन्वय स्थापित कर अभियान चलाया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50 प्राथमिक मत्स्य सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य है। जिसमें अब तक 33 समितियों का गठन हो चुका है।
इन सहकारी योजनाओं पर चर्चा
बैठक में अन्य सहकारी योजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। जिनमें गोदाम निर्माण, लैम्पस-पैक्स को कमरे उपलब्ध कराना, रसोई गैस डिस्ट्रीब्यूटरशिप, रिटेल पेट्रोल-डीजल आउटलेट खोलने, जन औषधि केंद्र खोलने, उर्वरक लाइसेंस, लैम्पस-पैक्स को पीएम किसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित करना और झारखंड में नवनिर्मित सहकारी प्रशिक्षण संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ कोआपरेटिव मैनेजमेंट के रूप में विकसित करने के मुद्दे शामिल थे। बैठक में कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीक, वित्त सचिव प्रशांत कुमार, राजस्व सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन और निबंधक सहकारी समितियां सूरज कुमार समेत अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।

